दिल्ली हिंसा: आधी रात CM केजरीवाल के घर के बाहर JNU और जामिया के छात्रों ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने बरसाई पानी की बौछारें

उत्तरपूर्वी दिल्ली में मंगलवार को नए सिरे से हिंसा भड़क गई जिसमें मृतक संख्या बढ़कर 18 हो गई है.

दिल्ली हिंसा: आधी रात CM केजरीवाल के घर के बाहर JNU और जामिया के छात्रों ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने बरसाई पानी की बौछारें

दिल्ली हिंसा में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है.

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ को हटा दिया. यह भीड़ देर रात इकट्ठा हुई थी और दिल्ली में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे. भीड़ में ज्यादात्तर जेएनयू के छात्र, एलुमिनाई एसोसिएशन ऑफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के सदस्य शामिल थे. भीड़ ने अरविंद केजरीवाल का घेराव किया था. प्रदर्शनकारी करीब आधी रात वहां पहुचे थे. पुलिसकर्मी करीब 3.30 बजे उन्हें वहां से हटाते हुए दिख रही है. 

वहां इकट्ठा हुए छात्र दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर उनसे मिलकर अपनी मांग का ज्ञापन सौंपना चाहते थे. भीड़ को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. छात्रों ने बाद में आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर सिविल लाइन पुलिस स्टेशन ले गई थी. सीएम केजरीवाल से दिल्ली में हुई हिंसा मामले में एक्शन की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि वह हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थानीय विधायकों के साथ खुद जाएं और शांति बहाली के लिए शांति मार्च करें. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील की कि हिंसा को रोकने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में जनता को बताया जाए. 

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वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर भड़की हिंसा में घायल हुए लोगों से मुलाकात करने मंगलवार को जीटीबी अस्पताल पहुंचे और लोगों से ‘‘इस पागलपन'' को रोकने की अपील की. अस्पताल के दौरे के दौरान केजरीवाल के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी थे. अस्पताल के दौरे के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी चिंता हिंसा को रोकना है. 

उन्होंने कहा, ‘मैंने घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उन लोगों से भी मिला जो गोलियों से घायल हुए हैं. यहां पर समुचित सुविधाएं और डॉक्टर हैं. मैं हर किसी से हिंसा को रोकने की अपील करता हूं. यह पागलपन रूकना चाहिए.'

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बता दें, उत्तरपूर्वी दिल्ली में मंगलवार को नए सिरे से हिंसा भड़क गई जिसमें मृतक संख्या बढ़कर 18 हो गई है. पुलिस भीड़ पर काबू पाने की जद्दोजेहद में लगी रही जो गलियों में घूम रही थी. भीड़ में शामिल लोग दुकानों को आग लगा रहे थे, पथराव कर रहे थे और वे स्थानीय लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे. राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में तनाव के दूसरे दिन हिंसा चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में फैल गई. इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगायी गयी. दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी.

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