अरुण जेटली (फाइल तस्वीर)
नई दिल्ली:
डीडीसीए को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली और आम आदमी पार्टी के बीच जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत छह आप नेताओं पर मानहानि का केस दर्ज कराया है। पटियाला हाउस कोर्ट में इस पर 5 जनवरी को सुनवाई होगी।
आज जब जेटली इस केस के मामले में अपना बयान दर्ज करवाने पहुंचे तो उनके साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और पीयूष गोयल भी मौजूद थे। उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा कोर्ट में पेश हुए। जेटली के अदालत परिसर पहुंचने से पहले उनके समर्थक कोर्ट के बाहर मौजूद रहे और नारेबाज़ी करते रहे।
इससे पहले जेटली ने मानहानि का दीवानी मुकदमा दिल्ली हाईकोर्ट में फाइल किया। उल्लेखनीय है कि जेटली ने कीर्ति आज़ाद के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जेटली ने केजरीवाल से 10 करोड़ का हर्जाना मांगा है।
(ये भी पढ़ें- मुझ पर केस क्यों नहीं कर रहे अरुण जेटली : कीर्ति आजाद)
इससे पहले जेटली ने कहा था कि उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से केजरीवाल, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का दीवानी मुकदमा तथा पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का आपराधिक मुकदमा दायर करने के लिए कानूनी टीम को निर्देश दिया है।
सार्वजनिक तौर पर आरोप
डीडीसीए में कथित अनियमितता और वित्तीय गड़बड़ी को लेकर केजरीवाल एवं 'आप' के अन्य नेताओं द्वारा खुद पर प्रहार किए जाने के मद्देनजर जेटली ने यह कदम उठाया है। केजरीवाल और 'आप' के पांच नेता जेटली के खिलाफ डीडीसीए के मामलों को लेकर सार्वजनिक तौर पर आरोप लगा रहे हैं।
जेटली ने अपने परिवार के लोगों के खिलाफ भी आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए कहा, मेरा ऐसा कोई पारिवारिक सदस्य नहीं है, जिसका कभी भी किसी भी तरह के कामकाज में एक पैसे की भी रुचि रही हो। खेल प्रबंधन के काम काज में मेरे परिवार का क्यों हिस्सा होना चाहिए? जेटली ने केजरीवाल और 'आप' के अन्य नेताओं को कोई कानूनी नोटिस नहीं देने का विकल्प चुना है। इसके बजाय सीधे ही अदालतों में मामले दायर किए जाएंगे।
'आप' नेता दीपक बाजपेयी ने बताया, हम धमकी भरी ऐसी तरकीबों से नहीं डरेंगे। हम अरुण जेटली के अतीत का भेद जानते हैं। आज के खुलासे के बाद, पूरा देश सच्चाई के बारे में जान गया है और हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, चाहे जो कुछ भी करना पड़े।
(इनपुट भाषा से भी)
आज जब जेटली इस केस के मामले में अपना बयान दर्ज करवाने पहुंचे तो उनके साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और पीयूष गोयल भी मौजूद थे। उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा कोर्ट में पेश हुए। जेटली के अदालत परिसर पहुंचने से पहले उनके समर्थक कोर्ट के बाहर मौजूद रहे और नारेबाज़ी करते रहे।
इससे पहले जेटली ने मानहानि का दीवानी मुकदमा दिल्ली हाईकोर्ट में फाइल किया। उल्लेखनीय है कि जेटली ने कीर्ति आज़ाद के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जेटली ने केजरीवाल से 10 करोड़ का हर्जाना मांगा है।
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इससे पहले जेटली ने कहा था कि उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से केजरीवाल, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का दीवानी मुकदमा तथा पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का आपराधिक मुकदमा दायर करने के लिए कानूनी टीम को निर्देश दिया है।
सार्वजनिक तौर पर आरोप
डीडीसीए में कथित अनियमितता और वित्तीय गड़बड़ी को लेकर केजरीवाल एवं 'आप' के अन्य नेताओं द्वारा खुद पर प्रहार किए जाने के मद्देनजर जेटली ने यह कदम उठाया है। केजरीवाल और 'आप' के पांच नेता जेटली के खिलाफ डीडीसीए के मामलों को लेकर सार्वजनिक तौर पर आरोप लगा रहे हैं।
जेटली ने अपने परिवार के लोगों के खिलाफ भी आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए कहा, मेरा ऐसा कोई पारिवारिक सदस्य नहीं है, जिसका कभी भी किसी भी तरह के कामकाज में एक पैसे की भी रुचि रही हो। खेल प्रबंधन के काम काज में मेरे परिवार का क्यों हिस्सा होना चाहिए? जेटली ने केजरीवाल और 'आप' के अन्य नेताओं को कोई कानूनी नोटिस नहीं देने का विकल्प चुना है। इसके बजाय सीधे ही अदालतों में मामले दायर किए जाएंगे।
'आप' नेता दीपक बाजपेयी ने बताया, हम धमकी भरी ऐसी तरकीबों से नहीं डरेंगे। हम अरुण जेटली के अतीत का भेद जानते हैं। आज के खुलासे के बाद, पूरा देश सच्चाई के बारे में जान गया है और हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, चाहे जो कुछ भी करना पड़े।
(इनपुट भाषा से भी)
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