
- मुंबई क्राइम ब्रांच ने दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क से जुड़े बड़े ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया
- दुबई से डिपोर्ट किए गए मो. सलीम मो. सुहेल शेख को गिरफ्तार किया गया, जो सलीम डोला का करीबी सहयोगी है
- सांगली जिले की मेफेड्रोन फैक्ट्री से 122.5 किलो ड्रग्स बरामद हुई, जिसकी कीमत लगभग ₹245 करोड़ बताई गई है
मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी-नारकोटिक्स सेल ने दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क से जुड़े एक बड़े ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में दुबई से डिपोर्ट किए गए मो. सलीम मो. सुहेल शेख को गिरफ्तार किया गया है, जो कुख्यात ड्रग तस्कर सलीम डोला का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है. सलीम शेख लंबे समय से दुबई में बैठकर भारत में ड्रग नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा था. मुंबई पुलिस के मुताबिक, शेख का नेटवर्क महाराष्ट्र के सांगली जिले में पकड़ी गई एक बड़ी मेफेड्रोन (MD) ड्रग फैक्ट्री से सीधे जुड़ा हुआ था. इस फैक्ट्री से 122.5 किलो मेफेड्रोन ड्रग बरामद की गई थी, जिसकी कीमत ₹245 करोड़ बताई जा रही है.
कैसे खुला ड्रग नेटवर्क का राज?
यह केस फरवरी 2024 में शुरू हुआ, जब टीम को कुर्ला इलाके में ड्रग डीलिंग की सूचना मिली. पुलिस ने सायाजी पगारे चाल के पास से परवीन बानो गुलाम शेख नाम की महिला को 641 ग्राम एमडी ड्रग और ₹12 लाख नकद के साथ पकड़ा. पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह ड्रग दुबई में बैठे सलीम शेख और सलीम डोला के नेटवर्क से खरीदती थी.
इसके बाद पुलिस ने मिरा रोड से साजिद मोहम्मद आसिफ शेख उर्फ “डॅब्ज़” को गिरफ्तार किया, जिसके घर से 3 किलो एमडी (₹6 करोड़) और ₹3.68 लाख नकद बरामद हुए. जांच में यह नेटवर्क सांगली की मेफेड्रोन फैक्ट्री तक पहुंचा, जहां से पुलिस ने कच्चा माल, मशीनें और वाहन भी जब्त किए.
सामने आया दुबई कनेक्शन
सलीम डोला और सलीम शेख के नेटवर्क का लिंक सूरत, सांगली और दुबई से जुड़े सप्लायरों तक फैला हुआ था. पुलिस को शक है कि ड्रग बनाने के लिए केमिकल यूएई की एक सप्लाई कंपनी से मंगवाए जाते थे. अब तक पुलिस ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है. कुल बरामदगी ₹256.49 करोड़ की बताई जा रही है.
- मेफेड्रोन: 126 किलो (₹252 करोड़ से ज़्यादा)
- कैश: ₹4.19 करोड़
- सोने के गहने: ₹1.5 लाख
- गाड़ियां: ₹11.4 लाख
- अवैध संपत्ति: ₹55.5 लाख
इस नेटवर्क में शामिल मो. सलीम मो. सुहेल शेख के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी की गई थी. कुछ सप्ताह पहले उसे यूएई में गिरफ्तार किया गया और कानूनी प्रक्रिया पूरी कर भारत लाया गया. 22 अक्टूबर 2025 को मुंबई क्राइम ब्रांच ने उसे अरेस्ट किया, और अदालत ने उसे 30 अक्टूबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है.
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