डेविड हेडली (फाइल फोटो)
मुंबई:
मुंबई कोर्ट में 26/11 हमले की सुनवाई के दौरान लश्कर आतंकी डेविड हेडली हर रोज बड़े खुलासे कर रहा है, लेकिन इस दौरान यह भी सवाल उठने लगा है कि क्या हेडली अपने बयानों को बदल रहा है?
अमेरिका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए भारत का वादामाफ गवाह डेविड हेडली सच बोलने का दावा कर रहा है, लेकिन पांच साल में कई मसलों पर उसके बयान बदले हैं।
24 मार्च 2016 को हेडली ने मुंबई कोर्ट में माना कि लश्कर बाल ठाकरे को मारना चाहता था। लेकिन करीब पांच साल पहले 25 मई 2011 को शिकागो कोर्ट में 26/11 मामले की ही सुनवाई के दौरान हेडली ने कहा था कि यह एक मजाक था। हेडली ने साज़िद मीर के एक ई-मेल का ज़िक्र किया जिसमें लिखा गया था कि बाल ठाकरे को देख लिया जाएगा। कोर्ट में हेडली से पूछा गया कि ऐसा कहने का क्या मतलब है? तब हेडली ने कहा कि बाल ठाकरे को मारा जा सकता है। लेकिन यह कहने के तुरंत बाद हेडली ने कहा कि यह एक मज़ाक है।
जिस तरह से डेविड हेडली अपने बयान बदल रहा है उससे यह सवाल महत्वपूर्ण हो गया है कि क्या हेडली जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है? क्या यह जांच को उलझाने की उसकी कोई कोशिश तो नहीं? सच चाहे जो भी हो, ज़ाहिर है हेडली जिस तरह से बयान बदल रहा है उससे जांच एजेंसियों की मुश्किलें फिलहाल बढ़ती दिख रही हैं। ऐसे में हेडली की गवाही कोर्ट में किस हद तक टिकेगी यह कहना फिलहाल मुश्किल है।
आतंकवादी डेविड हेडली ने मुंबई कोर्ट में कहा कि लश्कर की किसी महिला सेल की जानकारी नहीं है। इशरत पर दिए पिछले बयान से आज का यह बयान अलग माना जा रहा है।
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यह भी पढ़ें - पिता की मौत के बाद हेडली के घर कौन आया था?
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बयान बदलता हेडली?
डेविड हेडली - राणा के मुकदमे में कभी लश्कर की महिला सेल के बारे में नहीं बताया, क्योंकि मुझे
जानकारी नहीं थी
वकील वहाब - क्या NIA ने पूछताछ के दौरान इशरत जहां का नाम लेने को कहा था?
डेविड हेडली- भला वे क्यों कहेंगे, मुझसे जो सवाल पूछा गया उसका मैंने जवाब दिया।
वकील वहाब - क्या NIA ने इशरत के एनकाउंटर में मारे जाने की बात बताई?
डेविड हेडली- नहीं
वकील वहाब- आपने राणा के ट्रायल में क्यों इशरत का नाम नहीं लिया?
डेविड हेडली- मुझसे जो पूछा गया मैंने जवाब दिया, मैं कोई भाषण नहीं दे रहा था।
डेविड हेडली- मुझसे इशरत को लेकर कोई सवाल नहीं किया गया था इसलिए मैंने नाम नहीं लिया
गहरे राज़ उगलता हेडली
'2008 में पिता की मौत पर यूसुफ रजा गिलानी मेरे घर आए थे'
'उस वक़्त पाकिस्तान के पीएम थे यूसुफ रजा गिलानी'
'मैंने अपने पिता को लश्कर से अपने संबंधों की जानकारी दी थी'
'मेरे पिता को लश्कर से मेरे संबंधों पर आपत्ति थी'
'मुझे सज़ा मिल चुकी है, अब आप क्या साबित करना चाहते हैं'
गहरे राज़ उगलता हेडली
'मैं बचपन से ही भारत से नफ़रत करता था'
'मैं भारत से 7 दिसंबर 1971 से ही नफ़रत करता था'
'1971 में भारतीय विमानों ने मेरे स्कूल पर बम बरसाए'
'भारत के बम बरसाने से स्कूल के कर्मचारी मारे गए थे'
'स्कूल पर हमले का बदला लेने के लिए लश्कर ज्वाइन किया'
'अमेरिकी जेल में अय्याशी की बातें सच नहीं हैं'
'26/11 मुंबई हमलों के लिए पाक खुफिया एजेंसी ISI ने पैसे दिए'
'पाक खुफिया एजेंसी ISI ने लश्कर-ए-तैयबा को दिए थे पैसे'
'लश्कर ने शिवसेना के बाल ठाकरे की हत्या की कोशिश की'
'लश्कर के लिए 60-70 लाख रुपये की फंडिंग की'
'2002 के बाद यूएई-पाकिस्तान में निवेश किया'
'यूएई और पाकिस्तान में दुकानों में निवेश किया'
(इनपुट एजेंसियों से भी)
अमेरिका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए भारत का वादामाफ गवाह डेविड हेडली सच बोलने का दावा कर रहा है, लेकिन पांच साल में कई मसलों पर उसके बयान बदले हैं।
24 मार्च 2016 को हेडली ने मुंबई कोर्ट में माना कि लश्कर बाल ठाकरे को मारना चाहता था। लेकिन करीब पांच साल पहले 25 मई 2011 को शिकागो कोर्ट में 26/11 मामले की ही सुनवाई के दौरान हेडली ने कहा था कि यह एक मजाक था। हेडली ने साज़िद मीर के एक ई-मेल का ज़िक्र किया जिसमें लिखा गया था कि बाल ठाकरे को देख लिया जाएगा। कोर्ट में हेडली से पूछा गया कि ऐसा कहने का क्या मतलब है? तब हेडली ने कहा कि बाल ठाकरे को मारा जा सकता है। लेकिन यह कहने के तुरंत बाद हेडली ने कहा कि यह एक मज़ाक है।
जिस तरह से डेविड हेडली अपने बयान बदल रहा है उससे यह सवाल महत्वपूर्ण हो गया है कि क्या हेडली जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है? क्या यह जांच को उलझाने की उसकी कोई कोशिश तो नहीं? सच चाहे जो भी हो, ज़ाहिर है हेडली जिस तरह से बयान बदल रहा है उससे जांच एजेंसियों की मुश्किलें फिलहाल बढ़ती दिख रही हैं। ऐसे में हेडली की गवाही कोर्ट में किस हद तक टिकेगी यह कहना फिलहाल मुश्किल है।
आतंकवादी डेविड हेडली ने मुंबई कोर्ट में कहा कि लश्कर की किसी महिला सेल की जानकारी नहीं है। इशरत पर दिए पिछले बयान से आज का यह बयान अलग माना जा रहा है।
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यह भी पढ़ें - पिता की मौत के बाद हेडली के घर कौन आया था?
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बयान बदलता हेडली?
डेविड हेडली - राणा के मुकदमे में कभी लश्कर की महिला सेल के बारे में नहीं बताया, क्योंकि मुझे
जानकारी नहीं थी
वकील वहाब - क्या NIA ने पूछताछ के दौरान इशरत जहां का नाम लेने को कहा था?
डेविड हेडली- भला वे क्यों कहेंगे, मुझसे जो सवाल पूछा गया उसका मैंने जवाब दिया।
वकील वहाब - क्या NIA ने इशरत के एनकाउंटर में मारे जाने की बात बताई?
डेविड हेडली- नहीं
वकील वहाब- आपने राणा के ट्रायल में क्यों इशरत का नाम नहीं लिया?
डेविड हेडली- मुझसे जो पूछा गया मैंने जवाब दिया, मैं कोई भाषण नहीं दे रहा था।
डेविड हेडली- मुझसे इशरत को लेकर कोई सवाल नहीं किया गया था इसलिए मैंने नाम नहीं लिया
गहरे राज़ उगलता हेडली
'2008 में पिता की मौत पर यूसुफ रजा गिलानी मेरे घर आए थे'
'उस वक़्त पाकिस्तान के पीएम थे यूसुफ रजा गिलानी'
'मैंने अपने पिता को लश्कर से अपने संबंधों की जानकारी दी थी'
'मेरे पिता को लश्कर से मेरे संबंधों पर आपत्ति थी'
'मुझे सज़ा मिल चुकी है, अब आप क्या साबित करना चाहते हैं'
गहरे राज़ उगलता हेडली
'मैं बचपन से ही भारत से नफ़रत करता था'
'मैं भारत से 7 दिसंबर 1971 से ही नफ़रत करता था'
'1971 में भारतीय विमानों ने मेरे स्कूल पर बम बरसाए'
'भारत के बम बरसाने से स्कूल के कर्मचारी मारे गए थे'
'स्कूल पर हमले का बदला लेने के लिए लश्कर ज्वाइन किया'
'अमेरिकी जेल में अय्याशी की बातें सच नहीं हैं'
'26/11 मुंबई हमलों के लिए पाक खुफिया एजेंसी ISI ने पैसे दिए'
'पाक खुफिया एजेंसी ISI ने लश्कर-ए-तैयबा को दिए थे पैसे'
'लश्कर ने शिवसेना के बाल ठाकरे की हत्या की कोशिश की'
'लश्कर के लिए 60-70 लाख रुपये की फंडिंग की'
'2002 के बाद यूएई-पाकिस्तान में निवेश किया'
'यूएई और पाकिस्तान में दुकानों में निवेश किया'
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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