ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष की याचिका पर कोर्ट का फैसला आज

वाराणसी की जिला जज की अदालत फैसला सुनाएगी कि याचिका सुनवाई के योग्य है या नहीं? फैसले से पहले काशी के मंदिरों में पूजा-अर्चना हो रही

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष की याचिका पर कोर्ट का फैसला आज

प्रतीकात्मक फोटो.

वाराणसी:

Gyanvapi-Shringar Gauri case: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में नियमित दर्शन और पूजन की मांग को लेकर दाखिल हिंदू पक्ष की याचिका पर वाराणसी जिला अदालत का फैसला सोमवार को आएगा. जिला जज की अदालत फैसला सुनाएगी कि याचिका सुनवाई के योग्य है या नहीं? फैसले से पहले काशी के मंदिरों में पूजा-अर्चना हो रही है. 

वाराणसी के मंदिरों में प्रार्थना का दौर जारी है. महावीर मंदिर में हवन-पूजन किया गया. आने वाले फैसले को लेकर लोगों में उत्सुकता है.

ज्ञानवापी परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर वाराणसी की जिला अदालत सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी. इसके मद्देनजर शहर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.
एहतियाती कदम के तहत वाराणसी कमिश्नरेट में धारा 144 लागू करने का निर्देश जारी कर दिया गया है. सभी पुलिस अधिकारियों को अपने क्षेत्रों के धर्म गुरुओं के साथ संवाद करने का निर्देश दिया गया है.

पूरे शहर को सेक्टरों में विभाजित कर सभी सेक्टरों में आवश्यकता अनुसार पुलिस बल की तैनाती की गई है. संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च और पैदल गश्त का निर्देश दिया गया है. जिले के संवेदनशील इलाकों में त्वरित कार्रवाई बल तैनात करने को कहा गया है. जिले के सीमाओं पर चेकिंग और सतर्कता बढ़ाने का निर्देश जारी किया गया है. होटलों, धर्मशालाओं और गेस्ट हाउसों में चेकिंग के साथ ही सोशल मीडिया के मंचों पर लगातर नजर रखने का निर्देश जारी किया गया है.

गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश की अदालत में चल रहा मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई है. अदालत ने इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया है. अदालत सोमवार 12 सितंबर को इस पर आदेश सुनाएगी.

दिल्ली की राखी सिंह तथा वाराणसी की निवासी चार महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवी देवताओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना का आदेश देने के आग्रह वाली एक याचिका पिछले साल सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल की थी. उसके आदेश पर पिछली मई में ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था.

इसी बीच, मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे को उपासना अधिनियम 1991 का उल्लंघन करार देते हुए इस पर रोक लगाने के आग्रह वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी. हालांकि न्यायालय ने वीडियोग्राफी सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, मगर मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.

ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट पिछली 19 मई को जिला अदालत में पेश की गई थी. सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था जबकि मुस्लिम पक्ष ने उसे फव्वारा बताया था.

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मुस्लिम पक्ष ने इस मामले को उपासना स्थल अधिनियम के खिलाफ बताते हुए कहा था कि यह मामला सुनवाई के योग्य नहीं है. जिला जज ने इस सिलसिले में दायर याचिका पर पहले सुनवाई करने का निर्णय लिया था. इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं. हिंदू पक्ष का दावा है कि मुस्लिम पक्ष बहुत पुराने दस्तावेज पेश कर रहा है जो इस मामले से संबंधित नहीं है. बहरहाल अदालत ने यह मामला सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर 12 सितंबर को निर्णय सुनाने का फैसला किया है.