पतंग उत्सव के लिए मशहूर अहमदाबाद अब देश का पहला विश्व विरासत शहर भी बन गया है.
अहमदाबाद:
अहमदाबाद देश का पहला 'विश्व विरासत शहर' बन गया है. गुजरात की वाणिज्यिक राजधानी अहमदाबाद को यह दर्जा देने की औपचारिकता यूनेस्को ने शनिवार को पूरी की. यूनेस्को की महानिदेशक इरीना बोकोवा ने अहमदाबाद को ‘विश्व विरासत शहर’ घोषित करते हुए गुजरात के सीएम विजय रूपाणी को गांधीनगर में प्रमाण पत्र सौंपा.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूनेस्को ने जुलाई में पोलैंड में आयोजित एक बैठक में अहमदाबाद को भारत के पहले विश्व विरासत शहर के रूप में चिन्हित किया था. विश्व विरासत शहर की दौड़ में राजधानी दिल्ली और मुंबई सहित देश के कई अन्य शहर शामिल थे. यूनेस्को ने अहमदाबाद के अलावा कंबोडिया में समबोर पेरी कुक के मंदिर क्षेत्र और चीन के कलांगसो को भी विश्व विरासत सूची में शामिल किया है.
यह भी पढ़ें : अगले महीने होगा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास, अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलेगी
अहमदाबाद क्यों बना विश्व विरासत शहर
अहमदाबाद को विश्व विरासत शहरों में शामिल करने का कारण इसकी ऐतिहासिकता है. अहमदाबाद के किलेबंद शहर को सुल्तान अहमद शाह ने 15 वीं सदी में साबरमती नदी के किनारे बसाया था. यह शहर वास्तुकला का शानदार नमूना पेश करता है जिसमें छोटे किले, किलेबंद शहर की दीवारों और दरवाजों के साथ कई मस्जिदें और मकबरे महत्वपूर्ण हैं. शहर में बाद में बनाए गए हिंदू और जैन धर्म के मंदिर भी हैं. यह शहर छठी शताब्दी से अब तक गुजरात की राजधानी के रूप में बना हुआ है.
VIDEO : देश का पहला शहर जो बना विश्व विरासत
सीएम विजय रूपाणी ने विश्व विरासत शहर का प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद कहा कि यह गुजरात के लोगों के लिए गौरव की बात है. रूपाणी ने कहा कि ‘‘अहमदाबाद को पहले यह दर्जा इसलिए नहीं मिला क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2010 में (जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे) यह सपना देखा. उनका शहर को विश्व विरासत शहर का दर्जा दिलाने का सपना अब साकार हो गया है.’’
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूनेस्को ने जुलाई में पोलैंड में आयोजित एक बैठक में अहमदाबाद को भारत के पहले विश्व विरासत शहर के रूप में चिन्हित किया था. विश्व विरासत शहर की दौड़ में राजधानी दिल्ली और मुंबई सहित देश के कई अन्य शहर शामिल थे. यूनेस्को ने अहमदाबाद के अलावा कंबोडिया में समबोर पेरी कुक के मंदिर क्षेत्र और चीन के कलांगसो को भी विश्व विरासत सूची में शामिल किया है.
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अहमदाबाद क्यों बना विश्व विरासत शहर
अहमदाबाद को विश्व विरासत शहरों में शामिल करने का कारण इसकी ऐतिहासिकता है. अहमदाबाद के किलेबंद शहर को सुल्तान अहमद शाह ने 15 वीं सदी में साबरमती नदी के किनारे बसाया था. यह शहर वास्तुकला का शानदार नमूना पेश करता है जिसमें छोटे किले, किलेबंद शहर की दीवारों और दरवाजों के साथ कई मस्जिदें और मकबरे महत्वपूर्ण हैं. शहर में बाद में बनाए गए हिंदू और जैन धर्म के मंदिर भी हैं. यह शहर छठी शताब्दी से अब तक गुजरात की राजधानी के रूप में बना हुआ है.
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सीएम विजय रूपाणी ने विश्व विरासत शहर का प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद कहा कि यह गुजरात के लोगों के लिए गौरव की बात है. रूपाणी ने कहा कि ‘‘अहमदाबाद को पहले यह दर्जा इसलिए नहीं मिला क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2010 में (जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे) यह सपना देखा. उनका शहर को विश्व विरासत शहर का दर्जा दिलाने का सपना अब साकार हो गया है.’’
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