कोविड-19 के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी के सकारात्मक परिणामों के समाचार मीडिया में आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि इस इलाज के तरीके का अध्ययन करते हुए यूपी में भी प्लाज्मा थेरेपी को आगे बढ़ाया जाए. अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने में पूल टेस्टिंग का अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने बताया कि इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि जिस क्षेत्र में कोविड-19 संक्रमण के अधिक मामले मिले, वहां पूल टेस्टिंग कराई जाए. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कोविड-19 के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी के सकारात्मक परिणामों के समाचार मीडिया में आए हैं और इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि इस उपचार विधि का अध्ययन करते हुए प्रदेश में भी प्लाज्मा थेरेपी को आगे बढ़ाया जाए.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में दो स्थानों पर प्लाज्मा थेरेपी पर काम हो रहा है इसके अलावा लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी इस पर काम शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि तबलीगी जमात के 2872 लोगों को चिन्हित कर उनका टेस्ट किया गया है, इसके साथ ही सभी 325 विदेशी व्यक्तियों का चिकित्सकीय परीक्षण करके उन्हें पृथकवास में भेजा गया है और जमात के 45 विदेशी सदस्यों के खिलाफ प्राथमीकि दर्ज की गई है तथा 259 पासपोर्ट जब्त किये गये हैं. अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ''पुलिस बल तथा डाॅक्टरों सहित सभी चिकित्साकर्मियों को प्रत्येक दशा में कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षित रखना आवश्यक है. इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि पुलिसकर्मी तथा मेडिकल टीम सुरक्षा के सभी आवश्यक उपकरण लगाकर ड्यूटी करें और तथा संक्रमण से सुरक्षा के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें.''
अवस्थी ने बताया कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने में पूल टेस्टिंग की अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका है. इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि जिस क्षेत्र में कोविड-19 संक्रमण के अधिक मामले मिलें वहां पूल टेस्टिंग कराई जाए। कोविड-19 के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी के सकारात्मक परिणामों के समाचार मीडिया में आए हैं। इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि इस उपचार विधि का अध्ययन करते हुए प्रदेश में भी प्लाज्मा थैरेपी को आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन का पूरी तरह पालन सुनिश्चित कराया जाए और अन्तर्जनपदीय तथा अन्तर्राज्यीय आवागमन को सख्ती से रोके जाने के निर्देश दिये गये है. अवस्थी ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने के दृष्टिगत एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य के माध्यम से 7500 मजदूर एवं 1,000 अन्य स्टाफ मिलाकर लगभग 8500 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है.
उन्होंने बताया कि 23 अस्थायी कारागारों में बन्दियों की मेडिकल टेस्टिंग कराई जा रही है तथा उन्हें आवश्यकतानुसार पृथकवास में भेजा गया है. उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के कुल 25.79 लाख श्रमिकों एवं निराश्रित व्यक्तियों को भी एक-एक हजार रूपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की 39,520 औद्योगिक इकाईयों से सम्पर्क किया गया, जिनमें 38,919 इकाईयों द्वारा अपने श्रमिकों को लगभग 570.15 करोड़ रुपये के वेतन का भुगतान किया जा चुका है.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लाॅकडाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 25,949 लोगों के विरूद्ध प्राथमीकि दर्ज की गई। प्रदेश में अब तक 21,37,156 वाहनों की सघन चेकिंग में 28,343 वाहन सीज किये गये. चेकिंग अभियान के दौरान 9,86,10,286 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 1,69,724 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं.
उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 633 लोगों के खिलाफ 499 एफआईआर दर्ज करते हुए 222 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार फेक न्यूज पर कड़ाई से नजर रख रही है। फेक न्यूज के तहत अब तक 452 मामलों का संज्ञान में लेते हुए साइबर सेल को सूचित किया गया है. अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 348 हाॅट स्पाॅट चिन्हित किये गये हैं और वहां आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करायी जा रही है.
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