असम के विधायक मृणाल सैकिया ने CM हिमंत बिस्वा सरमा से आग्रह किया है कि वह अपने कैबिनेट सहयोगी, जयंत मल्लबारुआ को अपना मुंह बंद रखने के लिए कहें, क्योंकि उनकी बात करने की शैली लोकसभा चुनावों में पार्टी को पहुंचा रही है. असम में बीजेपी के भीतर पुराने नेताओं और कांग्रेस से आए लोगों के बीच लड़ाई है.
असम की 14 लोकसभा सीटों के लिए 3 चरणों में चुनाव सपन्न हो चुका है. पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल, उसके बाद 26 अप्रैल और 7 मई को हुआ था. वोटों की गिनती 4 जून को होगी.
खुमताई के विधायक मृणाल सैकिया एक्स पोस्ट में कहा, "आदरणीय सीएम हिमंत बिस्वा सरमा सर, कृपया जयंता मल्ला को पार्टी मामलों के बारे में अपना मुंह बंद रखने के लिए कहें. उन्हें अब तक यह एहसास हो जाना चाहिए कि उनकी बात करने की शैली ने इस चुनाव में पहले ही बीजेपी के वोटों को खराब कर दिया है."
मल्लाबारुआ ने प्रेस को बताया था कि ऐसे लोग हैं जो पिछले 50 वर्षों से पार्टी में हैं, हालांकि, उन्होंने पार्टी को शायद ही समय दिया है. इसलिए, पार्टी में आपका योगदान पार्टी के लिए आपके समर्पण और प्रतिबद्धता को निर्धारित करेगा.
बहस में शामिल होते हुए, पूर्व केंद्रीय रेल राज्य मंत्री और नागांव के पूर्व सांसद राजेन गोहेन ने कहा कि नाराजगी है और इससे चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को नुकसान होगा.
पूर्व सांसद राजेन गोहेन ने कहा, "बिना पार्टी कार्यकर्ता के कोई नेता नहीं बनता और कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. कार्यकर्ता ही हैं जो हमें लोगों से परिचित कराते हैं. पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने पर इसके दुष्परिणाम होते हैं. मैं पार्टी के अच्छे होने की कामना करता हूं. इन लोगों की गलतियों के कारण एक दिन भाजपा की स्थिति खराब हो जाएगी."
विवाद में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने कहा कि पार्टी किसी भी नेता के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए काफी मजबूत है. CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मतदान के दिन पार्टी के खिलाफ बोलना और पुराने और नए समय का प्रमाण पत्र देना अनावश्यक है. हमारे प्रदेश पार्टी अध्यक्ष टिप्पणियों को राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजेंगे और वह उचित कार्रवाई करेंगे. इस तरह की टिप्पणी पर निर्णय लिया जाएगा.
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