कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को बैठक बुलाई गई है, यह बैठक उदयपुर में विचार-मंथन सत्र से पहले हो रही है. सूत्रों के मुताबिक, बैठक संगठनात्मक सुधारों पर विभिन्न पैनल की रिपोर्टों को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान करने के लिए है. इसके अलावा एजेंडे में भाजपा के धर्म के मुद्दे से निपटने की रणनीतियां भी हैं, जिसका पार्टी हाल के दिनों में मुकाबला करने में असमर्थ रही है. पार्टी ने राजनीतिक और संगठनात्मक मुद्दों के अलावा सामाजिक न्याय, अर्थव्यवस्था, किसानों और युवाओं के मुद्दों चर्चा चर्चाओं के लिए छह समन्वय पैनल भी गठित किए थे. बैठक में उनकी रिपोर्ट पर भी चर्चा की जाएगी.
2014 के बाद से चुनावी हार की एक श्रृंखला के बाद पार्टी को उन मुख्य मुद्दों को संबोधित करने में मदद करने के लिए कुछ पैनलों ने बड़े पैमाने पर ध्यान केंद्रित किया है. सभी संगठनात्मक पदों पर विभिन्न वर्गों के अधिक से अधिक सामाजिक प्रतिनिधित्व और बूथ स्तर और जिला स्तर के प्रमुखों को तय करने के लिए पार्टी की राज्य इकाइयों को सशक्त बनाने पर ध्यान दिया जाएगा.
पिछले महीने, कांग्रेस ने 13-15 मई तक तीन दिवसीय विचार-मंथन सत्र की घोषणा की थी, जो राजस्थान के उदयपुर में आयोजित किया जाएगा. इस सत्र में 137 साल पुरानी पार्टी को फिर से जीवंत करने और 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा की उम्मीद है.
इसमें देशभर से लगभग 400 शीर्ष नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है. इनमें कार्यसमिति में वरिष्ठ, सांसद, राज्य प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और महासचिव शामिल होंगे.
पार्टी के लिए आगे की राजनीतिक चुनौतियों के समाधान के लिए एक 'Empowered Action Group' के गठन की भी उम्मीद थी.
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