नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के प्रदर्शन पर सवाल उठाने वाली 'टाइम' पत्रिका के लेख को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सरकार के नुमाइंदों ने सोमवार को पलटवार किया।
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने जहां भाजपा को याद दिलाने की कोशिश की कि पत्रिका ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अलोचना की थी, वहीं केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने पत्रिका की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना को 'बेवजह' करार देते हुए चिदम्बरम ने भरोसा जताया कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर ले आएगी। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद द्वारा इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री के पद से मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदम्बरम ने कहा, "मैं समझता हूं कि भाजपा की प्रतिक्रिया बिल्कुल बेवजह है। मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने (रविशंकर प्रसाद) ने उस वक्त क्या कहा होगा जब उन्होंने जून 2002 के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लेख पढ़ा होगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि देश मौजूदा आर्थिक स्थिति से बाहर निकल आएगा। उन्होंने कहा, "यह सरकार देश को मौजूदा कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाल लाएगी। हम देश में उच्च विकास दर हासिल करेंगे.. टाइम पत्रिका को यही जवाब है।"
भाजपा पर पलटवार करते हुए उन्होंने पार्टी को याद दिलाया कि इसी पत्रिका ने गुजरात दंगों को लेकर वाजपेयी की आलोचना की थी। चिदम्बरम ने कहा, "रविशंकर प्रसाद को 'अस्लीप एट द व्हील' शीर्षक से प्रकाशित पत्रिका का लेख और इसकी आखिरी पंक्ति पढ़नी चाहिए।"
वहीं, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने पत्रिका की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा, "हर किसी का अपना विचार है। लेकिन टाइम पत्रिका को पहले अमेरिका एवं यूरोप की परिस्थितियों पर ध्यान देना चाहिए और फिर भारत से तुलना करनी चाहिए।"
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा, "वे ऐसे बड़े मुद्दों को पत्रिका में लेख से बाहर क्यों रख रहे हैं?"
इससे पहले कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पत्रिका की समझ पर सवाल उठाते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार पिछले आठ वर्षो से राजनीतिक स्थिरता, सामाजिक सौहार्द, आंतरिक मेलजोल, आर्थिक विकास तथा अंतरराष्ट्रीय सम्बंधों में भारत की व्यापक भूमिका के लिए काम कर रही है। इसे 'अंडरअचीवर' (फिसड्डी) नहीं कहा जा सकता।"
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने जहां भाजपा को याद दिलाने की कोशिश की कि पत्रिका ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अलोचना की थी, वहीं केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने पत्रिका की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना को 'बेवजह' करार देते हुए चिदम्बरम ने भरोसा जताया कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर ले आएगी। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद द्वारा इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री के पद से मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदम्बरम ने कहा, "मैं समझता हूं कि भाजपा की प्रतिक्रिया बिल्कुल बेवजह है। मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने (रविशंकर प्रसाद) ने उस वक्त क्या कहा होगा जब उन्होंने जून 2002 के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लेख पढ़ा होगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि देश मौजूदा आर्थिक स्थिति से बाहर निकल आएगा। उन्होंने कहा, "यह सरकार देश को मौजूदा कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाल लाएगी। हम देश में उच्च विकास दर हासिल करेंगे.. टाइम पत्रिका को यही जवाब है।"
भाजपा पर पलटवार करते हुए उन्होंने पार्टी को याद दिलाया कि इसी पत्रिका ने गुजरात दंगों को लेकर वाजपेयी की आलोचना की थी। चिदम्बरम ने कहा, "रविशंकर प्रसाद को 'अस्लीप एट द व्हील' शीर्षक से प्रकाशित पत्रिका का लेख और इसकी आखिरी पंक्ति पढ़नी चाहिए।"
वहीं, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने पत्रिका की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा, "हर किसी का अपना विचार है। लेकिन टाइम पत्रिका को पहले अमेरिका एवं यूरोप की परिस्थितियों पर ध्यान देना चाहिए और फिर भारत से तुलना करनी चाहिए।"
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा, "वे ऐसे बड़े मुद्दों को पत्रिका में लेख से बाहर क्यों रख रहे हैं?"
इससे पहले कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पत्रिका की समझ पर सवाल उठाते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार पिछले आठ वर्षो से राजनीतिक स्थिरता, सामाजिक सौहार्द, आंतरिक मेलजोल, आर्थिक विकास तथा अंतरराष्ट्रीय सम्बंधों में भारत की व्यापक भूमिका के लिए काम कर रही है। इसे 'अंडरअचीवर' (फिसड्डी) नहीं कहा जा सकता।"
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