पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा कर दी है कि अगर केंद्र सरकर नया भूमि अधिग्रहण बिल पारित भी करा ले तब भी वो बिहार में इसे लागू नहीं होने देंगे। नीतीश ने उल्टे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दे डाली है कि इस मुद्दे पर वो अपनी ज़िद छोड़कर इसे अपने ईगो का मुद्दा न बनने दें और किसानों के हित में जो प्रबंध वो कर सकते हैं, उसे इस बिल में शामिल करें।
नीतीश पटना में गुरुवार को एक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। यह कार्यक्रम तो वीर कुंवर सिंह जयंती के अवसर पर था, लेकिन भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर नीतीश खुद जमकर बोले।
नीतीश ने बीजेपी के नेताओं को गांव में जाकर स्थिति का आंकलन करने की नसीहत भी दी। नीतीश के अनुसार, किसानों में यह भय समा गया है कि केंद्र की बीजेपी सरकर किसानों से उनकी जमीन छीनने के लिए प्रयासरत है।
नीतीश ने भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर एक दिवसीय उपवास भी पिछले महीने किया था। एक बार फिर उन्होंने केंद्र सरकार पर औद्योगिक घरानों के इशारे पर काम करने का आरोप लगते हुए बार-बार प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिया और कहा कि भूमि अधिग्रहण को अपनी इज़्ज़त का मुद्दा न बनाएं और किसानों के हित में जो भी प्रबंध हो सकते हैं उसे शामिल करें।
नीतीश ने साफ़ किया कि इस मुद्दे पर जो ऑर्डिनेंस लाया भी गया है उसे वह बिहार में कभी लागू नहीं होने देंगें।
नीतीश ने बीजेपी नेतओं को सलाह दी कि वो अगर गांव देहात में जाएंगें तब शायद उन्हें पता चलेगा कि एक साल के अंदर देश में एक लोकप्रिय चुनी हुई सरकर ने एक मुद्दे के कारण अपनी लोकप्रियता और विश्वसनीयता दोनों को कैसे खोया हैं।