नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक आपराधिक मानहानि मामले में बुधवार को एक दिन के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट दे दी. मई 2018 में ‘यूट्यूबर' ध्रुव राठी द्वारा प्रसारित एक कथित मानहानिकारक वीडियो को ‘री-ट्वीट' करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने केजरीवाल के वकील की ओर से दायर छूट याचिका को स्वीकार कर लिया और उन्हें 29 फरवरी को अदालत के सामने पेश होने का निर्देश दिया. याचिका में दावा किया गया कि मुख्यमंत्री बजट सत्र में व्यस्त थे.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को एक आरोपी के रूप में निचली अदालत द्वारा जारी किए गए समन को पांच फरवरी को बरकरार रखते हुए कहा था कि कथित अपमानजनक सामग्री को दोबारा पोस्ट करने पर मानहानि कानून लागू होगा.
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने कहा था कि जिस सामग्री के बारे में किसी को जानकारी नहीं है, उसे ‘री-ट्वीट' करते समय जिम्मेदारी की भावना रखनी होगी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि निचली अदालत यह समझने में विफल रही कि उनके ट्वीट का उद्देश्य शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन को नुकसान पहुंचाना नहीं था.
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