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This Article is From Jun 23, 2024

अरुणाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही, दिखा दिल दहला देने वाला मंजर; बाढ़ जैसे हालात

प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से भारी बारिश हो रही है, लेकिन पिछले दो दिनों में स्थिति में सुधार हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं जताया गया था.

अरुणाचल प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही, दिखा दिल दहला देने वाला मंजर; बाढ़ जैसे हालात
नई दिल्ली:

अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों में बादल फटने से स्थिति भयावह हो गई है. बादल फटने के बाद अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, जिससे निवासियों की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि बाढ़ के पानी के कारण कई घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राजधानी परिसर में भूस्खलन की घटनाएं देखी गईं, जिससे वाहन और घर परिसर दोनों प्रभावित हुए. खराब मौसम की स्थिति के बीच निवासियों से सतर्क और सतर्क रहने का आग्रह किया जाता है.

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अधिकारी स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं. प्रभावित निवासियों की सहायता करने और प्राकृतिक आपदा के बाद के प्रबंधन के लिए प्रयास चल रहे हैं. स्थानीय प्रशासन सभी आवश्यक कदम उठा रहा है.
 

प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से भारी बारिश हो रही है, लेकिन पिछले दो दिनों में स्थिति में सुधार हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं जताया गया था.

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे बादल फटने की घटना के बाद ईटानगर के कई हिस्सों में और उसके आसपास के इलाकों से भूस्खलन की खबरें हैं, वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग 415 के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.

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भारी बारिश के कारण ‘एनर्जी पार्क' और बैंक तिनाली इलाकों के पास के घरों में पानी भर गया. जिला प्रशासन ने लोगों को नदियों या भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के पास न जाने की सलाह दी है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव दानी सालू ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि ईटानगर में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग-415 के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए, जिससे यातायात बुरी तरह बाधित हो गया.

उन्होंने बताया कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, हालांकि संपत्ति के नुकसान का आकलन विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्र के मूल्यांकन के बाद ही किया जाएगा. सालू ने लोगों से मानसून के दौरान सतर्क रहने का आग्रह किया.

उपायुक्त श्वेता नागरकोटी मेहता के नेतृत्व में जिला प्रशासन के अधिकारी, ईटानगर नगर निगम आयुक्त, राज्य आपदा मोचन बल और पुलिसकर्मी राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित लोगों की मदद के लिए जिला प्रशासन द्वारा सात राहत शिविर स्थापित किए गए हैं.

भाषा इनपुट के साथ

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