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This Article is From Mar 03, 2024

"क्लिनिक मेरा इंतजार कर रहा है": डॉ हर्षवर्धन के राजनीति छोड़ने की घोषणा; जानें नेताओं ने क्या कहा

डॉ. हर्षवर्धन ने जुलाई 2021 में कैबिनेट फेरबदल से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह मनसुख मंडाविया को मंत्री बनाया गया था.

"क्लिनिक मेरा इंतजार कर रहा है": डॉ हर्षवर्धन के राजनीति छोड़ने की घोषणा; जानें नेताओं ने क्या कहा
नई दिल्‍ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) अपने तीन दशक लंबे राजनीतिक करियर को अलविदा कहने के बाद अब उस ओर लौट रहे हैं, जिसे वो अपनी 'जड़ें' कहते हैं. एक्स पर पोस्ट अपने एक लंबे विदाई संदेश में उन्‍होंने कहा, वह "तंबाकू और मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ और सरल और टिकाऊ जीवन शैली सिखाने" का अपना काम जारी रखेंगे. भाजपा ने चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल को अपना उम्‍मीदवार बनाया है. इस सीट से डॉ. हर्षवर्धन मौजूदा सांसद हैं. पार्टी ने शनिवार को 195 उम्‍मीदवारों की पहली सूची जारी की है और इसमें उनका नाम नहीं है. 

69 साल के डॉ. हर्षवर्धन ने भाजपा के वैचारिक गुरु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था. उन्‍होंने कहा कि वह "दिल से स्वयंसेवक" थे और  "तत्कालीन आरएसएस नेतृत्व के आग्रह पर" चुनावी राजनीति में उतरे थे. 

उन्होंने कहा, "वे मुझे सिर्फ इसलिए मना सके क्योंकि मेरे लिए राजनीति का अर्थ हमारे तीन मुख्य दुश्मनों - गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ने का अवसर है."

उन्‍होंने लिखा, "मैं जानता हूं कि आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहेगा. कृष्णा नगर में मेरा ईएनटी क्लिनिक भी मेरी वापसी का इंतजार कर रहा है."

आप जैसे ईमानदारऔर शिक्षित व्‍यक्तियों की जरूरत : स्‍वामी 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्‍वामी ने उनकी पोस्‍ट पर रिप्‍लाई करते हुए लिखा कि देश को आप जैसे ईमानदार और शिक्षित व्यक्तियों की जरूरत है.

इसके साथ ही कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लिखा, "मेरे निर्वाचन क्षेत्र को प्रभावित करने वाले कई स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को लेकर आपके साथ काम करना खुशी की बात थी. ईश्वर आपको एक डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में लोगों की बरसों सेवा का अवसर प्रदान करे."

2021 में कैबिनेट फेरबदल से पहले दिया था इस्‍तीफा 

डॉ. हर्षवर्धन ने जुलाई 2021 में कैबिनेट फेरबदल से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह मनसुख मंडाविया को मंत्री बनाया गया.  

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि उनका मंत्री पद छोड़ना केंद्र की कोविड महामारी के प्रबंधन में विफलता की मौन स्वीकृति है. 

डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली और फिर केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शानदार काम किया. हालांकि दूसरी कोविड लहर के दौरान अभूतपूर्व पैमाने पर हुई तबाही ने देश के बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे को निशाना बनाया. इस दौरान ऑक्सीजन, अस्पताल के बिस्तर और वैक्सीन के लिए बेताब हजारों मरीजों की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा में बहते शवों की तस्वीरें भारतीय और विदेशी मीडिया में छाई रहीं. उन्‍हें हटाए जाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदर्शन के महत्‍व को लेकर एक मजबूत संदेश के रूप में देखा गया था. 

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