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This Article is From Jul 27, 2017

कश्मीर में पिछले साले के मुकाबले पथराव की घटनाओं में कमी आने का दावा

सीआरपीएफ के डीजी राजीव भटनागर ने कहा- पिछले साल पत्थरबाजी की 1590 घटनाएं हुई थीं, इस साल 424 घटनाएं हुईं

कश्मीर में पिछले साले के मुकाबले पथराव की घटनाओं में कमी आने का दावा
सीआरपीएफ के डीजी राजीव भटनागर (फाइल फोटो).
नई दिल्ली: सीआरपीएफ के डीजी राजीव भटनागर ने कहा कि हमारी नई रणनीति के तहत जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं साल 2016 की मुकाबले घटी हैं. इस साल पत्थरबाजी की 424 घटनाएं हुई हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में घटी हैं. पिछले साल पत्थरबाजी की 1590 घटनाएं हुई थीं.

भटनागर ने यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर में अलगाववादियों पर हुई कार्रवाई से भी हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगाने में मदद मिली है. अकेले सीआरपीएफ ने  इस साल जम्मू-कश्मीर में 75 आतंकवादियों को मार गिराया है, जबकि 252 को गिरफ्तार किया गया है जिनसे कई हथियार बरामद किए गए हैं.  सीआरपीएफ ने ऑपरेशनों के दौरान हिंसक भीड़ पर भी काबू रखने में कामयाबी हासिल की है.

सीआरपीएफ डीजी ने कहा कि पिछले ढाई साल में माओवाद से प्रभावित इलाका कम हुआ है. माओवादियों को झारखंड, बिहार और दूसरे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में झटका लगा है.  इस साल सीआरपीएफ ने 51 माओवादियों को मारा है तो 1111 माओवादियों को पकड़ा भी है. सीआरपीएफ के दबाव का नतीजा है कि 834 माओवादियों ने सरेंडर भी किया है.

VIDEO : सुकमा में ऑपरेशन प्रहार

हालांकि दक्षिण बस्तर का इलाका सीआरपीएफ के लिए अभी भी चिंता का कारण बना हुआ है. खासकर अप्रैल महीने में सुकमा में माओवदियों के हमले के बाद 24 जवानों की मौत के बाद नई एसओपी बनाई जा रही है. बस्तर क्षेत्र में सीआरपीएफ अपने जवानों की संख्या बढ़ाने जा रही है. साथ ही अब ज्यादा जोर पुलिस के साथ साझा ऑपरेशन करने पर होगा. जवानों की सुरक्षा को बेहतर बनाया जाएगा. साथ ही हर तरह के संभावित खतरे से कैसे निपटें इसको लेकर और एहतियात बरती जा रही है.

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