भूटान और चीन के बीच स्थित डोकलाम के पठार पर चीन, एम्युनेशन (गोला-बारूद) बंकर बना रहा है. NDTV की ओर से हासिल की गई सैटेलाइट इमेज यह बताती है कि 2017 में भारत और चीन के बीच विवाद को लेकर चर्चा में आए इस क्षेत्र में चीन ने सैन्य और एम्युनेशन बंकर का निर्माण किया है. यह निर्माण सिंचे-ला-पास से करीब ढाई किलोमीटर की दूरी पर है. सैन्य पर्यवेक्षक बताते हैं कि यह एम्युनिकेशन बंकर जैसे ही हैं और यह डोकलाम की उस साइट से करीब सात किलोमीटर दूर है जहां वर्ष 2017 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी थी. यह निर्माण दर्शाता है कि चीनी सेना क्षेत्र में अपनी तैयारियां बढ़ाने में जुटी है.
फोर्स एनालिसिस के मिलिट्री विश्लेषक और प्रमुख सैटेलाइट इमेजरी एक्सपर्ट सिम टेक कहते हैं, 'नए एम्युनेशन बंकरों के निर्माण के पीछे का चीन का उद्देश्य इन ठिकानों पर अपनी स्थिति को और मजबूत करना है ताकि डोकलाम में झड़प की स्थिति निर्मित होने पर और अधिक कुशलता से लड़ाई की जा सके.'भूटान से लगी सीमा पर एक चीनी गांव 'मिलने' के बाद बंकर निर्माण की यह ताजा स्थिति चिंता पैदा करने वाली है और इससे डोकलाम में फिर से तनाव बढ़ सकता है.
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इसी क्षेत्र की NDTV द्वारा हासिल पुरानी तस्वीरों से पता चलता है कि बंकरों का यह निर्माण दिसंबर 2019 में शुरू नहीं हुआ था जबकि इस साल के 28 अक्टूबर की तस्वीर दर्शाती है कि निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. नार्दर्न नेवी के पूर्व कमांडर (रिटायर्ड) लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग कहते हैं, 'यह बंकर काफी मजबूत नजर आ रहे हैं इससे ऐसा लगता है कि संभवत: यहां गोला-बारूद स्टोर किया जाना है.'
बंकरों का यह निर्माण ऐसे समय सामने आया है जब भारत और चीन, वर्ष 1962 के वार के बाद, सबसे गंभीर सीमा गतिरोध का सामना कर रहे हैं. इस साल मई माह में पूर्वी लद्दाख से शुरू हुए गतिरोध के बाद दोनों देशों के सैनिक कई बार आमने-सामने आ चुके हैं.Maxar Technologies के हाई रेजोल्यूशनन इमेज दिखाते हैं कि बंकर वाले स्थान से सिंचे-ला-पास तक चीनी श्रमिकों ने सभी मौसम के लिहाज से सक्षम रोड का निर्माण कर दिया है जो पांच किलोमीटर चौड़े डोकलाम पठार पर फैली हुई है.
एक्स्क्लूसिव: सैटेलाइट इमेज से खुलासा- डोकलाम में चीन ने गांव बसाने के साथ 9KM लंबी सड़क भी बनाई
इन नए मजबूत बंकरों का निर्माण तचीन की ओर से डोकलाम और चुंबी वैली में अपनी स्थिति और मजबूत करने की चीन की मंशा को दर्शाता है. चुंबी वैली, उत्तर में स्थित चीनी क्षेत्र है.
Following this exclusive around #Doklam, here's an expanded area visual that covers not #China's encroachment into #Bhutan but also allows a greater understanding of how the sector has been reinforced over time to ensure the PLA's ability in maintaining its "territorial claims" https://t.co/9VSb0T1BrT pic.twitter.com/z8Glw5Cfes
— d-atis☠️ (@detresfa_) November 22, 2020
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार को NDTV ने उस हाई रिजॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी (Satelite Imagery) का विश्लेषण किया था, जिसमें भारत से सटे भूटान की सीमाक्षेत्र में चीनी निर्माण के सबूत छिपे हैं. सैटेलाइट इमेजरी की एनालिसिस से साफ पता चलता है कि चीन ने डोकलाम पठार (Doklam Plateau) के पूर्वी हिस्से पर भूटानी क्षेत्र के भीतर 2 किलोमीटर की दूरी पर न केवल गांव बसाया है बल्कि चीन ने भारतीय सीमा क्षेत्र तक पहुंच रखने वाली 9 किनोमीटर लंबी सड़क भी बनाई है.यह समझा जाता है कि यह सड़क चीनी सेना को जम्पेलरी रिज (Zompelri ridge) तक पहुंचने में वैकल्पिक रास्ता दे सकती है, जिसे भारतीय सेना ने 2017 में चीनी सेना के साथ डोकलाम में हुई झड़प के बाद रोक दिया था. तब चीनी निर्माण श्रमिकों ने डोकाला में भारतीय सेना की चौकी के पास अपने मौजूदा ट्रैक को बढ़ाकर जम्प्लेरी रिज तक पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय सैनिकों ने उसके मंसूबों को नाकाम कर दिया था. भारतीय सैनिकों ने सीमा पार कर चीनी बुल्डोजर्स को आगे बढ़ने से रोक दिया था. यह इलाका सिक्किम की सीमा और डोकलाम के बीच पड़ता है.
भूटान के 2 किलोमीटर अंदर चीन का कब्जा?
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