लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के कुंडा में तिहरे हत्याकांड की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को विशेष अदालत में सीओ जिया उल हक की हत्या में साजिश रचने के आरोपी पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का पॉलीग्राफी टेस्ट कराए जाने का आवेदन दाखिल किया।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार अब तक तमाम जांचों के बाद भी राजा भैया के खिलाफ कोई सबूत हाथ नहीं लग सका है। किसी अहम सुराग हाथ लगने की उम्मीद के चलते सीबीआई ने पॉलीग्राफी टेस्ट का सहारा लिया है।
सीबीआई सूत्रों का मानना है कि राजा भैया के पॉलीग्राफी टेस्ट से मामले से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं। अदालत में मामले में अगली सुनवाई 11 जून को होगी।
दो मार्च को नन्हें यादव उसके भाई सुरेश यादव और कुंडा सीओ जिया उल हक की मौत के मामले की जांच सीबीआई ने 8 मार्च से शुरू की थी।
नन्हें यादव के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर राजा भैया सवालों के घेरे में थे। पिछले महीने दो दिन तक सीबीआई ने राजा भैया से लंबी पूछताछ की, लेकिन इसमें न तो राजा भैया के खिलाफ कोई साक्ष्य मिला और न ही पूछताछ में कोई ऐसा तथ्य निकला, जिससे उनकी घेरेबंदी की जा सके।
यही कारण था कि मामले में सीबीआई ने जो एक चार्जशीट दाखिल की, उसमें राजा भैया का जिक्र नहीं किया। हालांकि जांच एजेंसी का शक राजा भैया के ऊपर से अभी खत्म नहीं हुआ है। जांच एजेंसी का मानना है कि राजा का पॉलीग्राफी टेस्ट इसमें अहम भूमिका अदा कर सकता है।
सीओ की पत्नी परवीन आजाद ने राजा भैया के खिलाफ अपने पति की हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और राजा भैया को खाद्य एवं रसद मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार अब तक तमाम जांचों के बाद भी राजा भैया के खिलाफ कोई सबूत हाथ नहीं लग सका है। किसी अहम सुराग हाथ लगने की उम्मीद के चलते सीबीआई ने पॉलीग्राफी टेस्ट का सहारा लिया है।
सीबीआई सूत्रों का मानना है कि राजा भैया के पॉलीग्राफी टेस्ट से मामले से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं। अदालत में मामले में अगली सुनवाई 11 जून को होगी।
दो मार्च को नन्हें यादव उसके भाई सुरेश यादव और कुंडा सीओ जिया उल हक की मौत के मामले की जांच सीबीआई ने 8 मार्च से शुरू की थी।
नन्हें यादव के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर राजा भैया सवालों के घेरे में थे। पिछले महीने दो दिन तक सीबीआई ने राजा भैया से लंबी पूछताछ की, लेकिन इसमें न तो राजा भैया के खिलाफ कोई साक्ष्य मिला और न ही पूछताछ में कोई ऐसा तथ्य निकला, जिससे उनकी घेरेबंदी की जा सके।
यही कारण था कि मामले में सीबीआई ने जो एक चार्जशीट दाखिल की, उसमें राजा भैया का जिक्र नहीं किया। हालांकि जांच एजेंसी का शक राजा भैया के ऊपर से अभी खत्म नहीं हुआ है। जांच एजेंसी का मानना है कि राजा का पॉलीग्राफी टेस्ट इसमें अहम भूमिका अदा कर सकता है।
सीओ की पत्नी परवीन आजाद ने राजा भैया के खिलाफ अपने पति की हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और राजा भैया को खाद्य एवं रसद मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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