नई दिल्ली:
देश के चुने हुए किसान सेवा केंद्र के पेट्रोल पंपों पर कैश बांटने की तैयारी शुरू की जा रही है. ये तय किया गया है कि पहले चरण में ग्रामीण इलाकों में करीब 2500 किसान सेवा केंद्रों पर कैश बांटा जाएगा जहां SBI की स्वाइप मशीन फिलहाल इस्तेमाल की जा रही है.
हर व्यक्ति को प्रति दिन दो हज़ार कैश की सुविधा मुहैया कराने की तैयारी है. इसके लिए SBI हर किसान सेवा केंद्र के पेट्रोल पंप को प्रति दिन एक लाख रुपये मुहैयार कराएगी. लेकिन देश के सभी किसान विकास केंद्र तक ये सुविधा पहुंचाना आसान नहीं होगा. एनडीटीवी की टीम जब हापुड़ ज़िले के धौलाना किसान सेवा केंद्र के पेट्रोल पंप पहुंची तो पाया कि वहां स्वाइप मशीन ही नहीं है.
केंद्र के मैनेजर कैलाश चंद चौहान ने एनडीटीवी से कहा, 'हमारे पंप पर स्वाइप मशीन की सुविधा नहीं है. यहां कैश से काम चलता है. जब हमें बैंक स्वाइप मशीन देगी तो हम उसका इस्तेमाल करेंगे. अभी हमारे पास बैंक का आदेश नहीं पहुंचा है.' ग्रामीण इलाकों में संकट का दायरा बड़ा है.
हापुड़ के देहरा गांव निवासी आबिद अली किसान सेवा केंद्र के पेट्रोल पंप पर अपने ट्रैक्टर में पेट्रोल भरवाने आए हैं... कहते हैं कि उनके पास किसी भी बैंक का कार्ड ही नहीं है. उनके साथी जितेन्द्र के पास भी ATM कार्ड नहीं है. वो कहते हैं कि सरकार उनके जैसे लोगों के लिए विशेष बैंकिंग की व्यवस्था मुहैया कराए. उधर सरकार ने आने वाले दिनों में इस योजना को ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरों में भी लागू करना चाहती है. इसकी तैयारी शुरू भी हो गयी है.
गाज़ियाबाद के लाल कुआं इलाके में पेट्रोल पंप चलाने वाले जयवीर सिंह कहते हैं, "SBI के अधिकारियों ने तैयारियों का जायज़ा लिया है...मुझसे स्वाइप मशीनों के फोटो मांगे हैं. हम इस स्कीम को लागू करने के लिए तैयार हैं." हालांकि जयवीर कहते हैं कि उन्हें इस बात की चिंता ज़रूर है कि बैंकों और ATMs की तरह उनके पेट्रोल पंप पर अगर भीड़ लगती है तो कानून-व्यवस्था का मसला खड़ा हो सकता है. ज़ाहिर है, सरकार को अभी इस व्यवस्था को लागू करने से पहले कई स्तर पर तैयारियां करना होंगी.
(साथ में पिंटू तोमर)
हर व्यक्ति को प्रति दिन दो हज़ार कैश की सुविधा मुहैया कराने की तैयारी है. इसके लिए SBI हर किसान सेवा केंद्र के पेट्रोल पंप को प्रति दिन एक लाख रुपये मुहैयार कराएगी. लेकिन देश के सभी किसान विकास केंद्र तक ये सुविधा पहुंचाना आसान नहीं होगा. एनडीटीवी की टीम जब हापुड़ ज़िले के धौलाना किसान सेवा केंद्र के पेट्रोल पंप पहुंची तो पाया कि वहां स्वाइप मशीन ही नहीं है.
केंद्र के मैनेजर कैलाश चंद चौहान ने एनडीटीवी से कहा, 'हमारे पंप पर स्वाइप मशीन की सुविधा नहीं है. यहां कैश से काम चलता है. जब हमें बैंक स्वाइप मशीन देगी तो हम उसका इस्तेमाल करेंगे. अभी हमारे पास बैंक का आदेश नहीं पहुंचा है.' ग्रामीण इलाकों में संकट का दायरा बड़ा है.
हापुड़ के देहरा गांव निवासी आबिद अली किसान सेवा केंद्र के पेट्रोल पंप पर अपने ट्रैक्टर में पेट्रोल भरवाने आए हैं... कहते हैं कि उनके पास किसी भी बैंक का कार्ड ही नहीं है. उनके साथी जितेन्द्र के पास भी ATM कार्ड नहीं है. वो कहते हैं कि सरकार उनके जैसे लोगों के लिए विशेष बैंकिंग की व्यवस्था मुहैया कराए. उधर सरकार ने आने वाले दिनों में इस योजना को ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरों में भी लागू करना चाहती है. इसकी तैयारी शुरू भी हो गयी है.
गाज़ियाबाद के लाल कुआं इलाके में पेट्रोल पंप चलाने वाले जयवीर सिंह कहते हैं, "SBI के अधिकारियों ने तैयारियों का जायज़ा लिया है...मुझसे स्वाइप मशीनों के फोटो मांगे हैं. हम इस स्कीम को लागू करने के लिए तैयार हैं." हालांकि जयवीर कहते हैं कि उन्हें इस बात की चिंता ज़रूर है कि बैंकों और ATMs की तरह उनके पेट्रोल पंप पर अगर भीड़ लगती है तो कानून-व्यवस्था का मसला खड़ा हो सकता है. ज़ाहिर है, सरकार को अभी इस व्यवस्था को लागू करने से पहले कई स्तर पर तैयारियां करना होंगी.
(साथ में पिंटू तोमर)
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