खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर चल रहे विवाद के बीच कनाडा ने आज भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला लिया है. कनाडा का कहना है कि नई दिल्ली द्वारा राजनयिकों की छूट रद्द किए जाने का खतरा मंडरा रहा है. कनाडा का कहना है कि ऐसे में अधिकारियों को खतरा हो सकता है.
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने राजनयिकों को वापस बुलाने के फैसले का ऐलान करते हुए कहा कि मौजूदा विवाद के बीच दर्जनों कनाडाई राजनयिकों और उनके परिवारों ने भारत छोड़ दिया है, क्योंकि भारत ने उनकी राजनयिक छूट को "अनैतिक रूप से रद्द" करने की योजना बनाई है. जोली ने कहा कि भारत में कनाडा के दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को संभालने के लिए केवल 21 अधिकारी रह गए हैं.
कनाडा के इस फैसले तनाव और बढ़ गया है. कम राजनयिक कर्मचारियों के साथ, भारत में कनाडा के कार्यालयों से कम सेवा मिलेगी और वीजा और आप्रवासन की प्रक्रिया बेहद धीमी हो जाएगी. साथ ही कनाडाई सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि आव्रजन और वीज़ा देने में "भारी कटौती" देखने को मिल सकती है.
राजनयिकों को वापस बुलाने के साथ ही कनाडा ने भारत की यात्रा करने वाले नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें उन्होंसे सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है. साथ ही अपने नागरिकों से कहा है कि देशभर में आतंकवादी हमलों के खतरे के कारण भारत में उच्च स्तर की सावधानी बरतें.
कनाडा ने मुंबई, बेंगलुरु और चंडीगढ़ में अपने वाणिज्य दूतावासों में सभी व्यक्तिगत सेवाओं को रोक दिया है. जिन लोगों को कांसुलर सहायता की आवश्यकता है, उनसे नई दिल्ली में दूतावास का दौरा करने या फोन या ईमेल द्वारा संपर्क करने का आग्रह किया गया है.
पिछले वर्ष कनाडा में स्थायी निवासियों, अस्थायी विदेशी कामगारों और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मामले में भारत शीर्ष पर था. पंजाब से हर साल काफी संख्या में लोग कनाडा जाते हैं. लेकिन कनाडा के इस फैसले से यकीनन इस संख्या में कमी आएगी.
हालांकि, कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने आश्वासन दिया है कि वे भारतीय अप्रवासियों का स्वागत करना जारी रखेंगे, लेकिन वीज़ा प्रक्रिया में कम से कम मध्यम अवधि में अधिक समय लगेगा.
ब्लूमबर्ग ने कनाडा के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि कर्मचारियों में कटौती का मतलब दिसंबर के अंत तक 17,500 आवेदनों का बैकलॉग होगा, हालांकि उम्मीद है कि 2024 की शुरुआत तक वीजा की प्रक्रिया सामान्य हो जाएगी.
भारत और कनाडा के बीच उस समय तनाव बढ़ गया था, जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय खुफिया एजेंसियों का हाथ था. निज्जर को भारत ने 2020 में आतंकवादी घोषित किया था. 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
"कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों को भारत सरकार के एजेंटों और एक कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय सबूत मिले हैं. कनाडाई धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी भी विदेशी सरकार की संलिप्तता गलत है." ट्रूडो ने कहा, यह हमारी संप्रभुता का अस्वीकार्य उल्लंघन है.
ट्रूडो की टिप्पणी से कूटनीतिक तूफान खड़ा हो गया है और भारत ने आरोपों को "बेतुका" और "प्रेरित" बताया है. इसके बाद दोनों पक्षों ने वरिष्ठ राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और ट्रैवल एडवाइजरी जारी की.