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This Article is From Nov 16, 2011

जोशी की ओर से कोई दबाव नहीं था : कैग

नई दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) विनोद राय ने इस आरोप को आज आज पूरी तरह खारिज किया कि 2जी स्पेक्ट्रम रिपोर्ट जल्द तैयार करने को लेकर उन पर संसद की लोक लेखा समिति :पीएसी: के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की ओर से दबाव डाला गया था। उन्होंने कहा कि कैग की ओर से 2जी स्पेक्ट्रम की रपट के बारे में पीएसी को कोई सूचना या जानकारी नहीं दी गयी। उन्होंने कहा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में इस विभाग पर किसी भी तरफ से कोई दबाव नहीं था। कैग कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाते समय किसी तरह के दबाव अथवा हस्तक्षेप करने के प्रयासों को कैग काफी गंभीरता से लेता है। कैग का यह स्पष्टीकरण उसके एक अधिकारी के एक पत्र के सामने आने से उठे विवाद के बाद आया है। कैग के अधिकारी आर.बी. सिन्हा ने डिप्टी कैग रेखा गुप्ता को 13 जुलाई को यह पत्र लिखा था जिसमें कहा गया कि जोशी ने एक कैग अधिकारी को बुलाकर स्पेक्ट्रम आवंटन रिपोर्ट जल्द तैयार करने को कहा। पत्र के अनुसार, जोशी ने अधिकारी से कहा दूरसंचार क्षेत्र में हाल में हुये 2जी और 3जी स्पेक्ट्रम आवंटन घटनाक्रम मामले में पीएसी की जांच को लेकर उनपर सांसदों और मीडिया का भारी दबाव है। इसकी जांच में यदि और देरी होती है तो सरकार में बैठे लोगों को मामले को दबाने का मौका मिल जायेगा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि कैग ने पीएसी को सूचित किया कि शुरु में मामले से जुड़ी फाइलें सीबीआई के पास होने से जांच प्रक्रिया धीमी रही। वर्ष 2009 में फाइलें हासिल करने के प्रयास तेज किये गये और जनवरी 2010 को पीएसी को सूचित किया गया कि लेखापरीक्षा कार्य शुरु कर दिया गया है और रिपोर्ट छह महीने में तैयार हो जायेगी। कैग ने पीएसी को यह भी स्पष्ट कर दिया कि लेखापरीक्षा में सामने आने वाली जानकारियों को रिपोर्ट संसद में पेश होने से पहले पीएसी सहित किसी को भी नहीं बताया जायेगा। कैग विनोद राय ने इस बारे में पूछे जाने पर सरकारी लेखापरीक्षक के कामकाज को प्रभावित करने की किसी भी बातचीत को सीरे से खारिज कर दिया।

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