केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम एक ऐसा कानून है जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देगा, किसी की नागरिकता छीनेगा नहीं.
केंद्र सरकार ने सोमवार को सीएए, 2019 को लागू करने की घोषणा की. विवादास्पद कानून को पारित किये जाने के चार साल बाद केंद्र के इस कदम से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है.
गैर-मुस्लिम प्रवासियों को मिलेगी नागरिकता
सीएए के नियम जारी हो जाने के साथ ही अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार इन तीन देशों के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी. ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सीएए नागरिकता देने के लिए है, छीनने के लिए नहीं.''
आप प्रमुख द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले सीएए के कार्यान्वयन को भाजपा की ‘‘वोट बैंक की गंदी राजनीति'' बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकुर ने कहा, ‘‘केजरीवाल इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे एक शिक्षित व्यक्ति भी भ्रंतियां फैलाने का काम करता है.''
केजरीवाल ने बुधवार को कहा था, ‘‘इस कानून के जरिए केंद्र की भाजपा सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में गरीब अल्पसंख्यकों के भारत आने के द्वार खोल दिए हैं.''ठाकुर ने कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि पार्टी के पास लोगों के लिए न तो कोई नीति है और न ही जनता के हितों के लिए कोई कार्यक्रम है.
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ‘‘टुकड़े-टुकड़े गैंग'' का समर्थन करती है और देश को बांटना चाहती है, जबकि मोदी देश के हित की बात करते हैं. ठाकुर ने उन्हें लगातार पांचवीं बार हमीरपुर सीट से मैदान में उतारने के लिए भाजपा नेतृत्व का आभार व्यक्त किया.
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