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This Article is From Oct 12, 2024

सफेद रुमाल और जैकेट पहनकर घूम रहा था आरोपी... बोपदेव घाट गैंगरेप पीड़िता ने की पहचान

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि अपराधियों की पहचान करने और उनका पता लगाने के लिए लगभग 700 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था.

सफेद रुमाल और जैकेट पहनकर घूम रहा था आरोपी... बोपदेव घाट गैंगरेप पीड़िता ने की पहचान
सामूहिक दुष्कर्म मामला: पुणे पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार, दो की तलाश जारी
पुणे:

बोपदेव घाट गैंगरेप मामले में पीड़िता ने आरोपी की पहचान कर दी है. गिरफ्तार आरोपी सीसीटीवी फुटेज में सफेद रुमाल और जैकेट पहने नजर आया था. ये फुटेज वारदात से पहले का था. जिसमें आोरपी बीयर पीते भी नजर आया. पुलिस की पकड़ से बचने के लिए तीनों आरोपियों ने सीसीटीवी और मुख्य सड़कों से बचते हुए घूम रहे थे. करीब 700 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी दिन-रात आरोपियों की तलाश कर रहे हैं. बोपदेव घाट रेप केस के आरोपी मजदूर और नौकरी पेशा है. वह पहले भी इसी क्षेत्र में चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. गिरफ्तार शख्स मध्य प्रदेश के जबलपुर का रहने वाला है. चार साल पहले वह पुणे आया था. वह पिछले चार साल से उंद्री के कादनगर में रह रहा था.

बता दें कि पिछले सप्ताह पुणे शहर के बाहरी इलाके में 21 वर्षीय महिला के साथ कथित बलात्कार के मामले के तीन आरोपियों में से एक को गिरफ्तार किया गया. एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 28 वर्षीय आरोपी और उसके फरार साथियों का आपराधिक रिकॉर्ड है.

युवती तीन अक्टूबर की रात अपने एक पुरुष मित्र के साथ बोपदेव घाट इलाके में गई थी, जहां तीन लोगों ने उससे कथित तौर पर बलात्कार किया था. आरोपियों ने उसके मित्र की भी पिटाई की थी.

अधिकारियों ने बताया कि जांचकर्ताओं ने बोपदेव घाट की ओर जाने वाली सड़क पर स्थित एक होटल से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की. उन्होंने बताया कि उनके चेहरे पीड़ित महिला और उसके पुरुष मित्र द्वारा बताए गए विवरण से मेल खाते हैं.

आरोपी को शुक्रवार तड़के पकड़

पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से एक संदिग्ध का पता लगाने के बाद हमने तकनीकी विश्लेषण और स्थानीय खुफिया जानकारी की मदद ली और उसकी पहचान स्थापित की. उसे शुक्रवार तड़के पकड़ लिया गया.'' कुमार ने बताया कि चूंकि तीनों संदिग्धों का चोरी के मामलों में आपराधिक रिकॉर्ड है, इसलिए अपराध करने के बाद भागते समय उन्होंने सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए बहुत सावधानी बरती.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि अपराधियों की पहचान करने और उनका पता लगाने के लिए लगभग 700 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. उन्होंने पुलिस को इस सफलता के लिए बधाई दी. पुलिस ने अपराधियों के बारे में सूचना देने वाले को 10 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की थी और उन्हें पकड़ने के लिए कई टीम गठित की थीं.

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