पिछले साल कोझिकोड हवाई अड्डे पर एअर इंडिया एक्सप्रेस का विमान कम दृश्यता व विंडशील्ड वाइपर (सामने के शीशे को साफ करने वाला उपकरण) के ठीक से काम नहीं करने की वजह से संभवत: दुर्घटनाग्रस्त हुआ क्योंकि इसकी वजह से पायलट को दूरी को लेकर दृष्टिभ्रम हुआ. यह खुलासा विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट में हुआ है.
रिपोर्ट में कहा गया कि इसके अलावा ‘स्टीप अथॉरिटी ग्रेडिएंट' ने पायलट को निगरानी करने और मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत आकलन कर कार्रवाई करने
से भी रोका जो हादसे की बड़ी वजह बना.
गौरतलब है कि पिछले साल सात अगस्त को बोइंग 737-800 विमान हवाई पट्टी से फिसल कर 110 फीट खाई में गिर गया था और उसके तीन टुकड़े हो गए थे. इस हादसे में दो पायलट और तीन नवजातों सहित 19 यात्रियों की जान गई थी. दुबई से आ रहे इस विमान में 190 लोग सवार थे.
शनिवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि पायलट द्वारा एसओपी का पालन नहीं किया जाना और व्यवस्थागत खामी की वजह से कोझिकोड हवाई अड्डे पर हादसा हुआ.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं