भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के लिए 'पीछे के दरवाजे' का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रही है. पहले टीडीपी (TDP) और अब इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के सांसद को बीजेपी में शामिल करवा लिया गया है. इस तरह बीजेपी की संख्या सदन में सबसे ज़्यादा 75 और एनडीए की 110 पहुंच गई है, हालांकि बहुमत से एनडीए अब भी दूर है. उसे उम्मीद है कि कुछ निर्गुट दलों जैसे टीआरएस, बीजेडी और वायएसआर कांग्रेस की मदद से वह उन तमाम बिलों को पारित करा लेगी जो लंबे समय से अटके हुए हैं. सरकार का इरादा इस सत्र में तीन तलाक बिल को पारित कराने का नहीं है.
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इंडियन नेशनल लोक दल के राज्यसभा के इकलौते सांसद रामकुमार कश्यप बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए. उन्हें बीजेपी संसदीय दल में भी शामिल कर लिया गया है. इस तरह बीजेपी की संख्या 75 पहुंच गई. इससे पहले टीडीपी के चार सांसद भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. अगर बीजेपी के सहयोगी दलों को मिलाएं तो एनडीए राज्यसभा में 110 के आंकड़े तक पहुंच गया है. हालांकि उसे टीआरएस के 6, बीजेडी के 5, वायएसआर के 2 और नगा पीपुल्स फ्रंट के एक सांसद के समर्थन का भरोसा है. यह संख्या 14 है और इसे मिला कर एनडीए को राज्यसभा में बहुमत मिल जाता है.
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राज्यसभा में बहुमत न होने के कारण पिछले पांच साल में एनडीए कई महत्वपूर्ण बिल राज्यसभा में पारित नहीं करवा सका था. यहीं नहीं, ऐसे कई मौके आए जब विपक्ष ने अपने संख्या बल के कारण एनडीए को झुकने पर मजबूर किया. राष्ट्रपति के अभिभाषण में संशोधन तक विपक्ष ने करवाया. बीजेपी अब ऐसे हालात दोबारा नहीं बनने देना चाहती है.
VIDEO: टीडीपी के राज्यसभा सांसदों के बीजेपी में शामिल होने के सियासी मायने
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