यूपी के बरेली से बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा (Rajesh Misra) की बेटी साक्षी मिश्रा (Sakshi Misra) का वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वायरल वीडियो में विधायक की बेटी ने दावा किया था कि दलित लड़के के साथ शादी करने की वजह से उनके पिता ने उनके पीछे गुंडे भेजे और अब उनकी जान को खतरा है. हालांकि अब साक्षी मिश्रा का कहना है कि पुलिस द्वारा दिए गए सुरक्षा के वादे के बाद वह सुरक्षित महसूस कर रही हैं. साक्षी और उनके पति अजितेश ने एनडीटीवी से कहा, 'मैं मीडिया के सामने नहीं आना चाहती थी लेकिन अपने पिता का बयान देखने के बाद मुझे मीडिया के सामने आना पड़ा. लोग इसे सियासी दबाव के रूप में देख रहे हैं लेकिन मुझे सियासत नहीं करनी है भविष्य में.'
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साक्षी ने कहा, 'मैं अब सुरक्षित महसूस कर रही हूं. जब हम पहले एसएसपी से मिले थे तब उन्होंने सही तरीके से कोई जवाब नहीं दिया था लेकिन जब हम मीडिया के पास गए तो उन्होंने हमें सुरक्षा देने का वादा किया. अब हम डरे हुए नहीं हैं और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.'
23 साल की साक्षी ने 29 साल के व्यापारी अजितेश से बीते गुरुवार को इलाहाबाद के एक मंदिर में शादी की थी. इस मामले के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विधायक पिता ने दावा किया था कि उन्हें लड़के की जाति से कोई आपत्ति नहीं थी बल्कि दोनों के बीच उम्र के अंतर और लड़के का कम कमाना आपत्ति की वजह थी.
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लेकिन विधायक की बेटी ने अपने पिता के दावे को खारिज कर दिया था. साक्षी ने कहा था, 'मैं उस घर में रह चुकी हूं और जानती हूं कि वे जाति व्यवस्था में विश्वास रखते हैं. मुझे पता है कि अगर मैं उन्हें बताती कि मैं दूसरी जाति के लड़के से शादी करना चाहती हूं तो वह इसकी इजाजत कभी नहीं देते.'
वहीं अब साक्षी और उनके पति ने कहा कि वह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. अजितेश ने शुक्रवार को कहा था, 'मैं पीएम मोदी से अपील करता हूं कि उन्हें विधायक राजेश मिश्रा से मीटिंग के लिए बात करना चाहिए और उनकी सोच को बदलना चाहिए.'
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साक्षी ने बताया, 'हम इलाहाबाद में एक होटल में रुके थे और सोमवार की सुबह मैं सो रही थी. उस वक्त अजितेश रिसेप्शन पर मौजूद आदमी के साथ बैठे थे. उस वक्त 2 लोग वहां आए जिन्हें अजितेश ने पहचान लिया. ये लोग मेरे पापा के दोस्त थे. इन लोगों ने कहा कि वो चंडीगढ़ से आए हैं और उन्हें होटल के मालिक कृष्णा से मिलना है. अजितेश ने मुझे फौरन कमरे में आकर उठाया और हम पीछे के रास्ते वहां से निकल गए. फिर हम मध्य प्रदेश चले गए.'
साक्षी ने बताया, 'वो लोग मेरे शहर के थे और मैंने उन्हें पहचान लिया था. उन लोगों की मजबूरी थी कि वो मेरे साथ दूसरे शहर में कुछ नहीं कर सकते थे. अब हमें मीडिया के सामने आने के बाद सुरक्षित महसूस हो रहा है.'
साक्षी ने बताया, 'हम एमपी से इलाहाबाद आए और वकील से बात की. वकील ने कहा कि हम सुरक्षित नहीं हैं जिसके बाद हम फिर एमपी चले गए. मैंने बरेली के एसएसपी को कॉल किया लेकिन उन्होंने अच्छे से जवाब नहीं दिया और कहा कि जब तक कोर्ट का ऑर्डर नहीं आता, तब तक मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता.'
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