बेंगलुरू के प्रतिष्ठित राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट डिज़ीजेस (Rajiv Gandhi Institute of Chest Diseases) के इन्टेन्सिव केयर यूनिट में 54-वर्षीय गणेश की मौत की वजह पता करने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं।
दरअसल गणेश स्वाइन फ्लू से पीड़ित था, और तेज़ बुखार के साथ-साथ वह सांस भी ठीक से नहीं ले पा रहा था, सो ऐसे में उसे शनिवार देर रात वेंटिलेटर का सहारा दिया गया था। रविवार तड़के करीब 4:30 बजे उसकी मौत हो गई।
दरअसल, सुबह चार बजे, यानी गणेश की मौत से आधा घंटा पहले, अस्पताल में बिजली चली गई थी, और गणेश के परिवार वालों का आरोप है कि मौत इसलिए हुई, क्योंकि वेंटिलेटर ने काम करना बंद कर दिया था। परिवार के मुताबिक, बिजली चले जाने के बाद यूपीएस से पॉवर सप्लाई नहीं आ रही थी।
दूसरी तरफ, इंस्टीट्यूट के निदेशक शशिधर बुग्गी का दावा है कि परिवार की तरफ से जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं। डॉ बुग्गी के मुताबिक गणेश की हालात लगातार बिगड़ रही थी और उसका बचना मुश्किल लग रहा था। बिजली का उसकी मौत के वरक्त ही चले जाना महज़ इत्तफाक था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं