लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देंगे, उपचुनाव अकेले लड़ेंगे: आप नेता

‘आप’ ने 2014 में राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे किसी सीट पर जीत नहीं मिली थी. पार्टी के उम्मीदवार भारी अंतर से हार गए थे. लेकिन एक जून को लोकसभा चुनाव के साथ छह विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देंगे, उपचुनाव अकेले लड़ेंगे: आप नेता

आम आदमी पार्टी (आप) हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करेगी, लेकिन छह विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी. ‘आप' के नेताओं ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. ‘आप' नेता अनुज नाथुराम चौहान ने हालांकि पत्रकारों से कहा, “अगर कांग्रेस मुकाबला करने में हिचकिचा रही है तो हम सभी चार लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. इस बारे में पार्टी आलाकमान से बात की जाएगी.”

वह कांग्रेस की राज्य इकाई की अध्यक्ष और मंडी सीट से सांसद प्रतिभा सिंह की टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने पहले तो चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, लेकिन भाजपा के अभिनेत्री कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाने के बाद नरम रुख अपनाते हुए कहा था कि वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करेंगी.

विधानसभा चुनाव में सिरमौर जिले की शलाई सीट से हार का सामना करने वाले चौहान ने कहा कि सभी दस (लोकसभा की चार और विधानसभा की छह) सीट पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के पास जाने-पहचाने चेहरे हैं. उन्होंने कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन का हिस्सा होने के नाते आप कांग्रेस का समर्थन करेगी, लेकिन अगर कांग्रेस नेताओं को कोई चिंता हुई तो पार्टी अपने उम्मीदवार उतारने की इच्छुक है.

‘आप' ने 2014 में राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे किसी सीट पर जीत नहीं मिली थी. पार्टी के उम्मीदवार भारी अंतर से हार गए थे. लेकिन एक जून को लोकसभा चुनाव के साथ छह विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं. धर्मशाला, लाहौल-स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, कुटलेहड़ और गगरेट के विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद ये सीट खाली हो गई हैं.

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कांग्रेस के छह बागी विधायकों ने फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था. इन विधायकों को बजट के दौरान सदन में सरकार के पक्ष में मतदान करने के व्हिप का उल्लंघन करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)