नई दिल्ली:
राम मंदिर का मसला अभी कोर्ट में है और उत्तर प्रदेश के चुनाव दो साल बाद, तब तक राम मंदिर का मुद्दा हल होता नहीं दिख रहा है। तो प्रदेश में कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ाने और एक संकेत देने के लिए केंद्र के संस्कृति मंत्रालय ने अयोध्या में एक रामायण संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया है।
केंद्र के संस्कृति मंत्रालय ने ये प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भी भेज दिया है और संग्रहालय बनाने के लिए 120 करोड़ रुपये की मांग की है। सूत्रों का कहना है कि ये फैसला संघ से काफी चर्चा करने के बाद लिया गया है। ये संग्रहालय 2017 तक पूरा करने कि तैयारी है और दिलचस्प बात ये है कि 2017 में ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है।
इसे रामायण संग्रहालय को बनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से 25 एकड़ ज़मीन देने की भी मांग की है। इस पूरे रामायण संग्रहालय का ब्लू प्रिंट तैयार करने का काम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र(IGNCA) और राष्ट्रीय संग्रहालय को दिया गया है।
इसके तहत देश में होने वाली सभी पुरानी राम लीलाओं को चिन्हित करने का भी आदेश दिया गया है। ये रामायण संग्रहालय दिल्ली में बने अक्षरधाम मंदिर की तर्ज़ पर बनाने कि तैयारी है। संस्कृति मंत्री महेश शर्मा का कहना है कि राम हमारी संस्कृति का एक हिस्सा हैं और उनसे जुड़ी सभी चीज़ों को संग्रहित किया जाना चाहिए और अयोध्या में बनने वाले रामायण संग्रहालय का उत्तर प्रदेश की सियासत से कोई लेना देना नहीं है।'
इस पूरे संग्रहालय को बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का भी गठन किया गया है जिसमें नितिन गडकरी, महेश शर्मा, लल्लू सिंह और संघ के भी कई लोग शामिल हैं।
अभी पिछले हफ्ते ही नितिन गडकरी ने फैज़ाबाद में 3 नए राजमार्गों का शिलान्यास किया है और अगले ही महीने से फैज़ाबाद एयरपोर्ट को भी चालू किया जा रहा है। इस संग्रहालय में पर्यटकों को राम और रामायण के पूरे इतिहास से अवगत कराया जायेगा।
ये कदम सांकेतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है। खैर मंत्री जी चाहे जो भी कहें पर उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले बीजेपी का ये एक बड़ा हिन्दू कार्ड है।
केंद्र के संस्कृति मंत्रालय ने ये प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भी भेज दिया है और संग्रहालय बनाने के लिए 120 करोड़ रुपये की मांग की है। सूत्रों का कहना है कि ये फैसला संघ से काफी चर्चा करने के बाद लिया गया है। ये संग्रहालय 2017 तक पूरा करने कि तैयारी है और दिलचस्प बात ये है कि 2017 में ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है।
इसे रामायण संग्रहालय को बनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से 25 एकड़ ज़मीन देने की भी मांग की है। इस पूरे रामायण संग्रहालय का ब्लू प्रिंट तैयार करने का काम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र(IGNCA) और राष्ट्रीय संग्रहालय को दिया गया है।
इसके तहत देश में होने वाली सभी पुरानी राम लीलाओं को चिन्हित करने का भी आदेश दिया गया है। ये रामायण संग्रहालय दिल्ली में बने अक्षरधाम मंदिर की तर्ज़ पर बनाने कि तैयारी है। संस्कृति मंत्री महेश शर्मा का कहना है कि राम हमारी संस्कृति का एक हिस्सा हैं और उनसे जुड़ी सभी चीज़ों को संग्रहित किया जाना चाहिए और अयोध्या में बनने वाले रामायण संग्रहालय का उत्तर प्रदेश की सियासत से कोई लेना देना नहीं है।'
इस पूरे संग्रहालय को बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का भी गठन किया गया है जिसमें नितिन गडकरी, महेश शर्मा, लल्लू सिंह और संघ के भी कई लोग शामिल हैं।
अभी पिछले हफ्ते ही नितिन गडकरी ने फैज़ाबाद में 3 नए राजमार्गों का शिलान्यास किया है और अगले ही महीने से फैज़ाबाद एयरपोर्ट को भी चालू किया जा रहा है। इस संग्रहालय में पर्यटकों को राम और रामायण के पूरे इतिहास से अवगत कराया जायेगा।
ये कदम सांकेतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है। खैर मंत्री जी चाहे जो भी कहें पर उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले बीजेपी का ये एक बड़ा हिन्दू कार्ड है।
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