प्रतीकात्मक ग्राफिक्स
नई दिल्ली:
ब्रॉडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन यानि (BEA) ने केंद्र और कुछ राज्य सरकारों की इस प्रवृत्ति के प्रति चिंता ज़ाहिर की है, जिसके तहत कुछ ख़ास टीवी चैनलों और मीडिया से जुड़ी संस्थाओं के ख़िलाफ़ नोटिस जारी किया जाता है।
भारत के न्यूज़ चैनलों से जुड़ी सर्वोच्च संस्था बीईए ने हाल ही में एबीपी न्यूज़, आजतक और एनडीटीवी चैनलों को नोटिस जारी किए जाने की घटना पर निराशा जतायी है। इन चैनलों पर याकूब मेमन की फांसी से जुड़ी जो भी ख़बरें प्रसारित की गईं हैं, उसे पत्रकारिता के मानदंडों, राष्ट्रपति और न्यायपालिका का अवमानना बताया गया है।
बॉडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन ने इस मुद्दे को सरकार के पास उठाने का निर्णय लिया है।
बीईए ने केबल एसोसिएशन नेटवर्क नियम 2015 पर भी चिंता जतायी है जिसमें आतंकी विरोधी कार्रवाईयों के दौरान की जा रही पिरीयॉडिक ब्रिफिंग्स की मीडिया कवरेज को तब तक के लिए सीमित कर दिया गया है जब तक कि ऑपरेशन खत्म नहीं हो जाता है। इस संशोधित नियम में ये नहीं बताया गया है कि, (1) आतंकी ऑपरेशन और अन्य एनकाउंटर में क्या फर्क है, (2) सरकार किस स्टेज पर मीडिया को इसकी जानकारी दे, (3) क्या ये आदेश ऑपरेशन की विज़ुअल्स नहीं दिखाने तक सीमित है या इससे जुड़ी ख़बर को पूरी तरह से नहीं दिखाया जाना चाहिए।
बीईए किसी भी तरह की आतंकी घटनाओं के लाइव विज़ुअल कवरेज के ख़िलाफ़ है लेकिन वो ये भी मानती है कि मीडिया कवरेज सिर्फ़ आधिकारिक बयान तक सीमित नहीं किया जा सकता। आतंकी कार्यवाहियों के कवरेज के संदर्भ में बीईए की अपनी गाइडलाइंस है जिसका वो कड़ाई से पालन करती है।
शनिवार 8 अगस्त को हुए बीईए की एक्ज़्यूकेटिव मीटिंग में राजस्थान सरकार द्वारा टाईम्स नाउ न्यूज़ चैनल और यूपी विधानसभा द्वारा आजतक न्यूज़ चैनल के खिलाफ़ उठाये विशेषाधिकार कार्रवाई का विरोध करने का फ़ैसला लिया गया है।
बीइए की इस बैठक में एबीपी न्यूज़ के शाजी ज़मां, एनके सिंह, अर्नब गोस्वामी, सुप्रीयो प्रसाद, मिलिंद खांडेकर, रजनीश आहुजा, अजीत अंजुम, सतीश के.सिंह, विनय तिवारी, राहुल कंवल, वीवीपी शर्मा, क़मर वाहिद नक़्वी, शैलेश कुमार, अभिजीत दास और अमिताभ शामिल हुए थे।
हस्ताक्षर,
शाजी ज़मां, अध्यक्ष, बीइए
एन के सिंह, मुख़्य सचिव, बीइए
भारत के न्यूज़ चैनलों से जुड़ी सर्वोच्च संस्था बीईए ने हाल ही में एबीपी न्यूज़, आजतक और एनडीटीवी चैनलों को नोटिस जारी किए जाने की घटना पर निराशा जतायी है। इन चैनलों पर याकूब मेमन की फांसी से जुड़ी जो भी ख़बरें प्रसारित की गईं हैं, उसे पत्रकारिता के मानदंडों, राष्ट्रपति और न्यायपालिका का अवमानना बताया गया है।
बॉडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन ने इस मुद्दे को सरकार के पास उठाने का निर्णय लिया है।
बीईए ने केबल एसोसिएशन नेटवर्क नियम 2015 पर भी चिंता जतायी है जिसमें आतंकी विरोधी कार्रवाईयों के दौरान की जा रही पिरीयॉडिक ब्रिफिंग्स की मीडिया कवरेज को तब तक के लिए सीमित कर दिया गया है जब तक कि ऑपरेशन खत्म नहीं हो जाता है। इस संशोधित नियम में ये नहीं बताया गया है कि, (1) आतंकी ऑपरेशन और अन्य एनकाउंटर में क्या फर्क है, (2) सरकार किस स्टेज पर मीडिया को इसकी जानकारी दे, (3) क्या ये आदेश ऑपरेशन की विज़ुअल्स नहीं दिखाने तक सीमित है या इससे जुड़ी ख़बर को पूरी तरह से नहीं दिखाया जाना चाहिए।
बीईए किसी भी तरह की आतंकी घटनाओं के लाइव विज़ुअल कवरेज के ख़िलाफ़ है लेकिन वो ये भी मानती है कि मीडिया कवरेज सिर्फ़ आधिकारिक बयान तक सीमित नहीं किया जा सकता। आतंकी कार्यवाहियों के कवरेज के संदर्भ में बीईए की अपनी गाइडलाइंस है जिसका वो कड़ाई से पालन करती है।
शनिवार 8 अगस्त को हुए बीईए की एक्ज़्यूकेटिव मीटिंग में राजस्थान सरकार द्वारा टाईम्स नाउ न्यूज़ चैनल और यूपी विधानसभा द्वारा आजतक न्यूज़ चैनल के खिलाफ़ उठाये विशेषाधिकार कार्रवाई का विरोध करने का फ़ैसला लिया गया है।
बीइए की इस बैठक में एबीपी न्यूज़ के शाजी ज़मां, एनके सिंह, अर्नब गोस्वामी, सुप्रीयो प्रसाद, मिलिंद खांडेकर, रजनीश आहुजा, अजीत अंजुम, सतीश के.सिंह, विनय तिवारी, राहुल कंवल, वीवीपी शर्मा, क़मर वाहिद नक़्वी, शैलेश कुमार, अभिजीत दास और अमिताभ शामिल हुए थे।
हस्ताक्षर,
शाजी ज़मां, अध्यक्ष, बीइए
एन के सिंह, मुख़्य सचिव, बीइए
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