बेंगलुरु:
बेंगलुरु बम धमाके की जांच के लिए दिल्ली से गई एनएसजी और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर दी है।
उधर, कर्नाटक के डीजीपी ने बेंगलुरु धमाके में सुराग देने पर पांच लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। इसके साथ बेंगलुरु ब्लास्ट की जांच के लिए चार टीमें बनी हैं। हर जांच टीम का मुखिया आईजी लेवल का ऑफिसर होगा।
वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार आज धमाकों में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए केसी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने वहां एनडीटीवी से कहा कि धमाके में निशाना बीजेपी ही थी, खासतौर पर बीजेपी दफ्तर और पार्टी के कार्यकर्ता। धमाके में गंभीर रूप से घायल को 1 लाख रुपये का मुआवजा और घायलों को 50,000 मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, धमाका आईईडी से किया गया। सूत्रों की माने तो आईईडी में अमोनियम नाइट्रेट और टाइमर के इस्तेमाल का शक है। मौका-ए-वारदात से एक टूटी हुई डिजिटल घड़ी का मिलना इस ओर इशारा करता है कि इस हादसे को शुरू में पुलिस ने सिलेंडर धमाका माना, लेकिन जल्द ही समझ आ गया कि वह एक बम धमाका है।
जहां धमाका हुआ, वह जगह बीजेपी के दफ्तर से 50 से 100 मीटर की दूरी पर है। गनीमत यह रही की बुधवार को कर्नाटक में पर्चे भरने का आखिरी दिन था इसलिए वहां नेता मौजूद नहीं थे, लेकिन सुरक्षा के लिए जो पुलिसवाले थे, उनमें से आठ घायल हो गए।
धमाका इतना तेज था कि तीन किलोमीटर तक उसकी आवाज गई। बाद में हादसे की जगह एटीएस, एनआईए और एनएसजी की टीम भी पहुंची और यह साफ हो गया कि ये आईईडी ब्लास्ट है, जिसके लिए करीब दो किलो ए ग्रेड विस्फोटक इस्तेमाल किया गया।
उधर, कर्नाटक के डीजीपी ने बेंगलुरु धमाके में सुराग देने पर पांच लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। इसके साथ बेंगलुरु ब्लास्ट की जांच के लिए चार टीमें बनी हैं। हर जांच टीम का मुखिया आईजी लेवल का ऑफिसर होगा।
वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार आज धमाकों में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए केसी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने वहां एनडीटीवी से कहा कि धमाके में निशाना बीजेपी ही थी, खासतौर पर बीजेपी दफ्तर और पार्टी के कार्यकर्ता। धमाके में गंभीर रूप से घायल को 1 लाख रुपये का मुआवजा और घायलों को 50,000 मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, धमाका आईईडी से किया गया। सूत्रों की माने तो आईईडी में अमोनियम नाइट्रेट और टाइमर के इस्तेमाल का शक है। मौका-ए-वारदात से एक टूटी हुई डिजिटल घड़ी का मिलना इस ओर इशारा करता है कि इस हादसे को शुरू में पुलिस ने सिलेंडर धमाका माना, लेकिन जल्द ही समझ आ गया कि वह एक बम धमाका है।
जहां धमाका हुआ, वह जगह बीजेपी के दफ्तर से 50 से 100 मीटर की दूरी पर है। गनीमत यह रही की बुधवार को कर्नाटक में पर्चे भरने का आखिरी दिन था इसलिए वहां नेता मौजूद नहीं थे, लेकिन सुरक्षा के लिए जो पुलिसवाले थे, उनमें से आठ घायल हो गए।
धमाका इतना तेज था कि तीन किलोमीटर तक उसकी आवाज गई। बाद में हादसे की जगह एटीएस, एनआईए और एनएसजी की टीम भी पहुंची और यह साफ हो गया कि ये आईईडी ब्लास्ट है, जिसके लिए करीब दो किलो ए ग्रेड विस्फोटक इस्तेमाल किया गया।
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