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This Article is From Nov 09, 2019

आज मैं 'दोषमुक्त' महसूस कर रहा हूं, बिलकुल वही फैसला है जैसा सब लोग चाहते थे : केके मोहम्मद

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व  निदेशक केके मोहम्मद ने कहा है कि एएसआई की ओर से दिए गए सबूतों के आधार पर ही कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि यहां पर एक भव्य मंदिर था. उन्होंने कहा कि यहां पर एक बार फिर से मंदिर ही बनाना चाहिए.

आज मैं 'दोषमुक्त' महसूस कर रहा हूं, बिलकुल वही फैसला है जैसा सब लोग चाहते थे : केके मोहम्मद
भारतीय पुरातत्व विभाग के पूर्व निदेशक हैं केके मोहम्मद
नई दिल्ली:

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व  निदेशक केके मोहम्मद ने कहा है कि एएसआई की ओर से दिए गए सबूतों के आधार पर ही कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि यहां पर एक भव्य मंदिर था. उन्होंने कहा कि यहां पर एक बार फिर से मंदिर ही बनाना चाहिए. आपको बता दें कि केके मोहम्मद हमेशा से ही विवादित स्थल पर मंदिर होने का दावा करते हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि आज वह खुद को 'दोषमुक्त' महसूस कह रहे हैं क्योंकि मंदिर की बात करने पर उनको कुछ समूहों की ओर धमकी दी गई थी. कोर्ट के आज के फैसले पर उन्होंने कहा कि यह बिलकुल वही फैसला है जैसा सब लोग चाहते थे.  केके मोहम्मद केरल के कॉलीकट के रहने वाले हैं वो पूर्व महानिदेशक पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के बी बी लाल की टीम का अहम हिस्सा रहे हैं. केके मोहम्मद 1976 में बने उस टीम की हिस्सा भी रहे हैं जिसने राम जन्म भूमि संबंधी पुरातात्विक खुदाई भी की थी. हालांकि जब उन्होंने उस वक्त ये बयान दिया था कि अयोध्या में राम का आस्तित्व है. तो उन्हें विभागीय कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा था. लेकिन केके मोहम्मद ने कहा कि झूठ बोलने के बजाए वो अपना फर्ज निभाते हुए मरना पसंद करेंगे. 

अयोध्या भूमि विवाद को लेकर पांच जजों की पीठ ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित ढांचे पर अपना एक्सक्लूसिव राइट साबित नहीं कर पाया. कोर्ट ने विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया, तो मुसलमानों को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कहा है. कोर्ट ने साथ ही कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार तीन महीने में योजना बनाए. कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मिलेगी. फिलहाल अधिकृत जगह का कब्जा रिसीवर के पास रहेगा. पांचों जजों की सहमति से फैसला सुनाया गया है. फैसला पढ़ने के दौरान पीठ ने कहा कि ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था. CJI ने कहा कि ASI ने भी पीठ के सामने विवादित जमीन पर पहले मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं. 

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