एक तरफ देश को कैशलेस बनाने की कवायद चल रही है दूसरी तरफ डिजिटल बैंकिंग व्यव्स्था पर चोरों की निगाहें टिकी हुई हैं. जैसे-जैसे एटीएम कार्ड धारको की संख्या बढ़ती जा रही है, एटीएम से होने वाले धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में एटीएम धोखाधड़ी के 179 मामले सामने आए हैं, जिसमें लोगों को करीब 3 करोड़ रुपये का चूना लगा है. इन धोखाधड़ी के मामलों में शातिर बिना एटीएम कार्ड को हाथ लगाए, बैंक अकाउंट में रखी राशि का सफाया कर देते हैं.
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एटीएम कार्ड के साथ होने वाली इस धोखाधड़ी के मामले पूरे देश में देखने को मिल रहे हैं. साल 2019 में अब तक इस तरह के केसों की संख्या 980 हो चुकी है. जबकि पिछले साल यह संख्या 911 थी. महाराष्ट्र में एटीएम पर हाथ साफ करने वालों की तादात सबसे ज्यादा है.महाराष्ट्र में 233 मामले रिपोर्ट हुए और लोगों को 4 करोड़ 81 लाख रु की चपत लगी. इसके बाद दूसरे नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली है. दिल्ली में इस तरह के 179 मामले सामने आए, जिसमें लोगों ने 2 करोड़ 87 लाख रुपये गंवाए. तीसरे नंबर पर तमिलनाडु है जहां 147 लोगों के साथ धोखाधड़ी में 3 करोड़ 63 लाख रु का चूना लोगों को लगा.
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ऐसे मामलों पर साइबर विशेषज्ञ, नीरज चोपड़ा कहते हैं कि जैसे ही आप किसी एटीएम पर जाते हैं. वहां एक स्क्रीनिमिंग डिवाइस लगी होती है. जैसे ही आप कार्ड को एटीएम में जहां डालना है उसकी बजाय स्क्रीनिमिंग डिवाइस में डाल देते हैं तो वो उस कार्ड की कॉपी बना लेता है. और जब आप अपना पासर्वड डालते हैं तो ऊपर लगे कैमरे में पासवर्ड भी कैप्चर कर लेता है. उनका कहना है कि अगर आपको ऐसी एटीएम मशीन कहीं नजर आती है तो जल्द से जल्द उसकी शिकायत बैंक, पुलिस और आरबीआई सेल को करें.जिस तरह एटीएम फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं, क्या उस तरह हमारी तकनीकी तैयारी बढ़ रही है? ये एक बड़ा सवाल है।
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