कांग्रेस (Congress) की राजस्थान इकाई में संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बुधवार रात दिल्ली पहुंचे और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व की सराहना की तथा उम्मीद जताई कि ‘घर की बातों' को सुलझा लिया जाएगा. पार्टी की राजस्थान इकाई में संकट पैदा होने के बाद गहलोत पहली बार दिल्ली पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर वर्तमान गतिरोध पर विराम लगाने का प्रयास करेंगे. दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इंदिरा जी के समय से देखता आ रहा हूं.
हमेशा पार्टी में अनुशासन है. इसलिए पार्टी के चाहे 44 सांसद आएं या 52 आएं, लेकिन पूरे देश में वह राष्ट्रीय पार्टी है और उसकी नेता सोनिया गांधी जी हैं. सोनिया गांधी जी के अनुशासन में पूरे देश में कांग्रेस है... ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं.'' उनका कहना था, ‘‘मेरा दृष्टिकोण कुछ अलग हो सकता है, (लेकिन) हम सबके दिल के अंदर नंबर एक बात होती है कि हम कांग्रेस अध्यक्ष के अनुशासन में काम करते हैं. मेरे हिसाब से, आने वाले वक्त में फैसले होंगे.''
गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आज देश के ऊपर संकट है, उसे मीडिया को पहचानना चाहिए. आज पत्रकार और लेखक संकट में हैं. देशद्रोह के नाम पर लोग जेल भेजे जा रहे हैं. हमें उन लोगों की चिंता है जिनके लिए राहुल गांधी (भारत जोड़ो यात्रा पर) निकल पड़े हैं. महंगाई, बेरोजगारी और देश में चल रही तानाशाही प्रवृत्ति की राहुल गांधी को चिंता है और हम सबको चिंता है.''उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए इनसे (समस्याओं से) मुकाबला करना ज्यादा जरूरी है. ये (सियासी संकट) घर की बातें हैं, आतंरिक राजनीति में चलता रहता है, ये हम सब सुलझा लेंगे.''
इस संकट के कारण अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की गहलोत की संभावना को झटका लगा है. अब पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इस चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं. लोकसभा सदस्य शशि थरूर 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की गई और नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से आरम्भ हुई, जो 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे.
राजस्थान में उत्पन्न राजनीतिक संकट के बीच पार्टी पर्यवेक्षकों ने मंगलवार को ‘घोर अनुशासनहीनता' के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी और इसके कुछ देर बाद ही पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से इन्हें ‘कारण बताओ नोटिस' जारी कर दिये गये. राजस्थान के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बुधवार को जयपुर में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री आज शाम नेतृत्व और संगठन के एक अभिभावक के तौर पर 102 विधायकों की भावना को व्यक्त करने के लिए दिल्ली जा रहे हैं. मुख्यमंत्री अभी इस्तीफा नहीं दे रहे हैं.” उन्होंने कहा कि गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे या नहीं, यह आलाकमान के साथ बैठक के बाद ही स्पष्ट होगा. वैसे, हाल ही में गहलोत ने कहा था कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे. हालांकि राज्य के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से उनकी इस उम्मीदवारी पर प्रश्नचिन्ह लग गया है.
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