असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कई समन को नजरअंदाज करना अपनी गिरफ्तारी को आमंत्रित करने के समान है. आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार हुए अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा अगर केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय के शुरुआती समन का जवाब दिया होता तो उनकी गिरफ्तारी टल सकती थी.
उन्होंने कहा, जब किसी को 8 से 9 बार समन किया जाता है और वह व्यक्ति समन का सम्मान नहीं करता है, तो इसका मतलब केवल यही है कि वह व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी को निमंत्रण दे रहा है. अगर वह पहली बार बुलाए जाने पर (ईडी के पास) गए होते तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया होता.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने शनिवार शाम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में उनसे मुलाकात की. केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद अदालत ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा है.
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामलों की विशेष अदालत ने केजरीवाल के वकीलों के अलावा, सुनीता केजरीवाल और बिभव कुमार (केजरीवाल के निजी सहायक) को हर दिन शाम 6-7 बजे के बीच आधे घंटे के लिए उनसे मिलने की अनुमति दी थी.
अधिकारियों ने बताया कि अदालत के आदेश के अनुसार सुनीता केजरीवाल ने एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी कार्यालय में अपने पति से मुलाकात की. सुनीता ने सलवार सूट पहन रखा था और उनके हाथ में कुछ कागजात थे. ईडी कार्यालय से बाहर निकलते समय और कुछ कर्मचारियों के साथ कार में सवार होते वक्त मीडियाकर्मियों ने उनकी तस्वीर खींची.
दूसरी और आज आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने '' मैं भी केजरीवाल" कैंपेन शुरू किया. इसके तहत बड़े-बड़े बैनर लेकर दिल्ली के अहम चौराहों पर AAP कार्यकर्ताओं ने छोटे-छोटे ग्रुप में विरोध प्रदर्शन किया.
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