दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कथित शराब नीति घोटाले में पांचवें समन पर भी हाजिर न होने के एक दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने आज अदालत का दरवाजा खटखटाया. ईडी ने शिकायत की है कि केजरीवाल पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए. नई दिल्ली का राउज एवेन्यू कोर्ट बुधवार को इस मामले की सुनवाई करेगा.
अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था. उन्होंने बार-बार दावा किया है कि जारी किए गए समन अवैध हैं और एजेंसी का एकमात्र उद्देश्य उन्हें गिरफ्तार करना है. दो नवंबर को एजेंसी की ओर से पहला समन जारी किए जाने के बाद से ही आम आदमी पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी की अटकलें लगाई जाती रही हैं.
आम आदमी पार्टी के दो अन्य नेताओं, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पिछले साल इसी मामले में हिरासत में लिया गया था.
दिल्ली की राऊज एवेन्यू अदालत में शनिवार को ईडी की शिकायत मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) की धारा 63 (4) के तहत दायर की गई है, जो कि धारा 50 के तहत जारी किए गए किसी भी निर्देश की जानबूझकर अवज्ञा करने से संबंधित है. इस धारा के तहत एजेंसी को किसी व्यक्ति को बुलाने का अधिकार मिला है.
शिकायत में भारतीय दंड संहिता की धारा 174 का भी उल्लेख किया गया है. यह एक लोकसेवक के आदेश का पालन न करने से संबंधित है.
ईडी ओर से शुक्रवार को भेजे गए समन पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी ने एजेंसी की कार्रवाई को "राजनीति से प्रेरित" और "गैरकानूनी" बताया था. पार्टी ने एक बयान में कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी का लक्ष्य अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना और दिल्ली सरकार को गिराना है. हम ऐसा नहीं होने देंगे."
दिल्ली के मुख्यमंत्री ईडी के पांच समनों पर हाजिर नहीं हुए. यह समन 2 नवंबर, 21 दिसंबर, 3 जनवरी, 19 जनवरी और 2 फरवरी को भेजे गए थे. पिछले साल अप्रैल में मामले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उनसे पूछताछ की थी, लेकिन उन्हों एजेंसी ने आरोपी नहीं बनाया. ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रही है.
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