पिछले कुछ दिनों से चर्चा का केंद्र रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) को मोदी सरकार ने केरल का राज्यपाल बनाया है. आपको बता दें कि बहुचर्चित शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार द्वारा अमान्य घोषित करने के विरोध में आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. पिछले दिनों आरिफ मोहम्मद खान के बयान का ही हवाला देकर पीएम मोदी ने संसद में कहा था, कांग्रेस के नेता ने कहा था कि मुस्लिम अगर गढ्ढे में रहना चाहते हैं तो रहने दो क्या हम मुस्लिमों के समाज सुधारक हैं. बाद में इस बात की पुष्टि आरिफ मोहम्मद खान ने यह कहते हुए की थी कि जब उन्होंने तीन तलाक के मुद्दे पर राजीव गांधी सरकार से इस्तीफा दिया था तो पीवी नरसिम्हा राव ने उनसे यह बात कही थी.
आरिफ मोहम्मद खान बने केरल के राज्यपाल, कलराज मिश्रा को बनाया गया राजस्थान का गवर्नर
केरल में भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम की जगह नए राज्यपाल बनाए गए आरिफ मोहम्मद खान (68) मुसलमानों में एक साथ तीन बार तलाक बोलकर पत्नी से संबंध खत्म करने की परंपरा के मुखर विरोधी हैं और लंबे समय से मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव की वकालत कर रहे हैं. शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का शुरुआती दिनों में राजीव गांधी सरकार द्वारा समर्थन किए जाने पर 1985 में संसद में खान का भाषण बेहद महत्वपूर्ण है. हालांकि, बाद में मुसलमान मौलवियों के तथा-कथित दबाव में आकर राजीव गांधी सरकार ने संसद में एक विधेयक पारित कर शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को अमान्य करार दिया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने कांग्रेस पर कसा तंज, बोले- ‘बेसहारा का श्राप' भुगत रहे हैं
आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने उसके तुरंत बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. बाद में आरिफ मोहम्मद खान भाजपा में शामिल हो गए थे, हालांकि अब वह सक्रिय राजनीति में नहीं हैं. हाल ही में मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक विधेयक लाये जाने पर खान ने उसका समर्थन किया. शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में तलाकशुदा मुसलमान महिलाओं को गुजारा भत्ता देने की बात कही थी. (इनपुट-भाषा से भी)
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