NRC के मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह.
नई दिल्ली:
एनआरसी के मुद्दे पर राज्यसभा में कांग्रेस पर निशाना साधने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस की. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सदन की गरिमा के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं सदन का सदस्य होते हुए भी वहां अपनी बात नहीं रख पाया. मुझे सदन में बोलने नहीं दिया गया इसलिए मैंने यह प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि मेरे बयान के दौरान सदन में हंगामा हुआ और मुझे बोलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय नागरिक का नाम नहीं कटेगा. उन्होंने कहा कि 40 लाख का आंकड़ा अंतिम नहीं है. भारतीय नागरिक होने का सबूत नहीं पेश करने के बाद ही एनआरसी से नाम कटा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष बीजेपी की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस वोट के लिए सवाल उठा रही है, जबिक एनआरसी की शुरुआत ही कांग्रेस ने की.
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बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दो दिनों से एनआरसी पर एक बहस छिड़ी हुई है. मैंने सभी नेताओं के बयान पढ़े हैं. अखबारों की हेडलाइन पढ़ी है. चर्चा यह है कि 40 लाख भारतीय नागरिकों को अवैध घोषित किया गया है. मगर वास्तविकता यह है कि एनआरसी से जो नाम हटाए गए हैं शुरुआती जांच में वह घुसपैठिये हैं. तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा अंतिम नहीं है. इस पर सुनवाई होगी. पूरी जांच के बाद ही यह तय होगा कि वे नाम कटेंगे या नहीं. उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय नागरिकों का नाम नहीं काटा गया है. जो यह साबित नहीं कर पाए कि वह भारतीय नागरिक हैं उनके नाम को ही लिस्ट से हटाया गया है. उन्होंने कहा कि सदन में मैं सभी को सुन रहा था. एक भी पार्टी ने यह नहीं बताया कि यह प्राथमिक सूची है. इसमें संशोधन और ऑब्जेक्शन भी बाकी है. किसी ने भी यह नहीं कहा कि एनआरसी कहां से आया है.
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14 अगस्त 1985 को असम एकॉर्ड साइन की गई. उन्होंने कहा कि एनआरसी के अंदर भारत के नागरिकों की सूची बनाने का व्याख्या किया है. इसमें कहा गया कि जो एकॉर्ड श्री राजीव गांधी ने साइन किया उसी के बारे में मैं बता रहा हूं. एनआरसी की शुरुआत ही कांग्रेस पार्टी ने की तो आप विरोध क्यों कर रहे हैं. आपमें साहस नहीं था कि देश के अंदर से बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर किया जाए. उन्होंने कहा कि घुसपैठ के जरिये देश की सुरक्षा को तार-तार किया जा रहा है. मानवाधिकार की रक्षा के लिए ही एनआरसी बना है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्पष्ट करें कि बांग्लादेशी घुसपैठियों पर उनका रुख क्या है. टीएमसी स्पष्ट करें कि बांग्लादेशी घुसपैठियों पर उनका रुख क्या है. राहुल गांधी स्पष्ट करें कि इस मुद्दे पर उनका रुख क्या है. सभी पार्टियों को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ठ करना चाहिए.
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इससे पहले असम में NRC के मुद्दे पर राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मनमोहन सिंह ने भले ही NRC की शुरुआत की थी लेकिन कांग्रेस में इस पर अमल की हिम्मत नहीं थी, हममें हिम्मत थी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल किया है. राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच अमित शाह ने कहा कि राजीव गांधी ने 1985 में असम में समझौता किया था. जिसके तहत अवैध घुसपैठियों की पहचान करने की बात की गई थी. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया था लेकिन कांग्रेस कोर्ट के आदेश पर अमल कराने में नाकाम रही.
VIDEO: NRC के मुद्दे पर राज्यसभा में अमित शाह के बयान पर हंगामा
अमित शाह ने सदन में कहा कि इस काम को पूरा कराने का साहस कांग्रेस में नहीं था. अमित शाह ने कहा कि इसे मेरी सरकार ने पूरा करने का साहस किया है. बीजेपी अध्यक्ष ने पूछा कि वह किसे बचाना चाहती है? क्या वह घुसपैठियों को बचा रही है? अमित शाह के इस बयान पर जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी सांसद सभापति के नजदीक वेल में आ गए. हंगामे के कारण राज्यसभा को कल 11 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया है.
I heard many parties speak in the house (Rajya Sabha) but surprisingly none of them mentioned that this is just a draft list that this is not the final list: BJP President Amit Shah #NRCAssam pic.twitter.com/zjKlW91E0y
— ANI (@ANI) July 31, 2018
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बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दो दिनों से एनआरसी पर एक बहस छिड़ी हुई है. मैंने सभी नेताओं के बयान पढ़े हैं. अखबारों की हेडलाइन पढ़ी है. चर्चा यह है कि 40 लाख भारतीय नागरिकों को अवैध घोषित किया गया है. मगर वास्तविकता यह है कि एनआरसी से जो नाम हटाए गए हैं शुरुआती जांच में वह घुसपैठिये हैं. तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा अंतिम नहीं है. इस पर सुनवाई होगी. पूरी जांच के बाद ही यह तय होगा कि वे नाम कटेंगे या नहीं. उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय नागरिकों का नाम नहीं काटा गया है. जो यह साबित नहीं कर पाए कि वह भारतीय नागरिक हैं उनके नाम को ही लिस्ट से हटाया गया है. उन्होंने कहा कि सदन में मैं सभी को सुन रहा था. एक भी पार्टी ने यह नहीं बताया कि यह प्राथमिक सूची है. इसमें संशोधन और ऑब्जेक्शन भी बाकी है. किसी ने भी यह नहीं कहा कि एनआरसी कहां से आया है.
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Congress TMC & other parties who are speaking against #NRCAssam should clear their stand on Bangladeshi infiltrators: Amit Shah, BJP President pic.twitter.com/7sp8rEqiuv
— ANI (@ANI) July 31, 2018
14 अगस्त 1985 को असम एकॉर्ड साइन की गई. उन्होंने कहा कि एनआरसी के अंदर भारत के नागरिकों की सूची बनाने का व्याख्या किया है. इसमें कहा गया कि जो एकॉर्ड श्री राजीव गांधी ने साइन किया उसी के बारे में मैं बता रहा हूं. एनआरसी की शुरुआत ही कांग्रेस पार्टी ने की तो आप विरोध क्यों कर रहे हैं. आपमें साहस नहीं था कि देश के अंदर से बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर किया जाए. उन्होंने कहा कि घुसपैठ के जरिये देश की सुरक्षा को तार-तार किया जा रहा है. मानवाधिकार की रक्षा के लिए ही एनआरसी बना है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्पष्ट करें कि बांग्लादेशी घुसपैठियों पर उनका रुख क्या है. टीएमसी स्पष्ट करें कि बांग्लादेशी घुसपैठियों पर उनका रुख क्या है. राहुल गांधी स्पष्ट करें कि इस मुद्दे पर उनका रुख क्या है. सभी पार्टियों को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ठ करना चाहिए.
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इससे पहले असम में NRC के मुद्दे पर राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मनमोहन सिंह ने भले ही NRC की शुरुआत की थी लेकिन कांग्रेस में इस पर अमल की हिम्मत नहीं थी, हममें हिम्मत थी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल किया है. राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच अमित शाह ने कहा कि राजीव गांधी ने 1985 में असम में समझौता किया था. जिसके तहत अवैध घुसपैठियों की पहचान करने की बात की गई थी. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया था लेकिन कांग्रेस कोर्ट के आदेश पर अमल कराने में नाकाम रही.
VIDEO: NRC के मुद्दे पर राज्यसभा में अमित शाह के बयान पर हंगामा
अमित शाह ने सदन में कहा कि इस काम को पूरा कराने का साहस कांग्रेस में नहीं था. अमित शाह ने कहा कि इसे मेरी सरकार ने पूरा करने का साहस किया है. बीजेपी अध्यक्ष ने पूछा कि वह किसे बचाना चाहती है? क्या वह घुसपैठियों को बचा रही है? अमित शाह के इस बयान पर जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी सांसद सभापति के नजदीक वेल में आ गए. हंगामे के कारण राज्यसभा को कल 11 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया है.
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