Amit Shah on Vande Matram
- अमित शाह ने वंदे मातरम को दो हिस्सों में अलग किए जाने को कांग्रेस का तुष्टिकरण प्रयास बताया
- शाह ने बताया कि वंदे मातरम अंग्रेजों के शासन में प्रतिबंधों के बावजूद भारत के पुनर्निर्माण का मंत्र बना था
- शाह ने कहा कि वंदे मातरम पूरे भारत में स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्रोत था और देश की आत्मा को जागरूक किया
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नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वंदे मातरम पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने इसे कांग्रेस का तुष्टिकरण का प्रयास बताया, जिसने आगे चलकर देश के विभाजन के बीज बोए. राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, जब अंग्रेजों ने वंदे मातरम् पर कई प्रतिबंध लगाए तब बंकिम बाबू ने एक पत्र में लिखा था कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है, मेरे सभी साहित्य को गंगा जी में बहा दिया जाए, यह मंत्र वंदे मातरम अनंतकाल तक जीवित रहेगा, यह एक महान गान होगा और लोगों के हृदय को जीत लेगा और भारत के पुनर्निर्माण का यह मंत्र बनेगा.'
- वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर राज्यसभा में बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, वंदे मातरम् ने एक ऐसे राष्ट्र को जागरूक किया जो अपनी दिव्य शक्ति को भुला चुका था. राष्ट्र की आत्मा को जागरूक करने का काम वंदे मातरम् ने किया इसलिए महर्षि अरविंद ने कहा वंदे मातरम् भारत के पुनर्जन्म का मंत्र है.
- शाह ने कहा, वंदे मातरम् की दोनों सदनों में इस चर्चा से, वंदे मातरम् के महिमा मंडन से, वंदे मातरम् के गौरव गान से हमारे बच्चे, किशोर, युवा और आने वाली कई पीढ़ियां वंदे इसके महत्व को भी समझेंगी और उसको राष्ट्र के पुनर्निर्माण का एक प्रकार से आधार भी बनाएगी.
- प्रियंका गांधी के बयान पर अमित शाह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, वंदे मातरम के 100 साल पूरा होने पर आपातकाल लगा. वंदे मातरम बोलने वालों को जेल भेजा गया. तुष्टिकरण के लिए वंदे मातरम का विरोध करते हैं.
- अमित शाह ने आगे कहा कि इंडिया अलायंस के ढेर सारे लोगों ने कहा था कि हम वंदे मातरम नहीं गाएंगे. कई सारे सदस्य संसद में बैठे होते हैं तो भी बाहर चले जाते हैं. भाजपा का एक भी सदस्य वंदे मातरम के गान के समय सम्मान में खड़ा न हो,ऐसा हो ही नहीं सकता. कांग्रेस के कौन कौन से सदस्य वंदे मातरम के दौरान चले गए उनकी सूची मैं रख दूंगा, उनका नाम इस चर्चा में रखा जाए
- अमित शाह ने कहा, वंदे मातरम सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं था. वंदे मातरम का गान और गीत भारत माता को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करने का नारा बना था. आजादी के संग्राम का बहुत बड़ा प्रेरणा स्रोत बना था, शहीदों को सर्वोच्च बलिदान देते वक्त अगले जन्म भी भारत में जन्म लेकर पुन बलिदान की प्रेरणा वंदे मातरम देता है
- अमित शाह ने कहा, ब्रिटिश शासन में वंदे मातरम बोलने वालों पर कोड़े बरसाए जाते थे. वंदे मातरम अपने प्रताड़नाओं को झेलते हुए भी कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैला. अंग्रेजों की गुलामी के दौर में इसकी रचना हुई. वंदे मातरम का आजादी की लड़ाई में योगदान है. अंग्रेजों ने नई संस्कृति थोपने की कोशिश की थी. वंदे मातरम उस समय पुर्नजागरण का मंत्र था.
- गृह मंत्री ने कहा, वंदे मातरम ने आजादी की लड़ाई में ऐसा जोश भरा कि यह नारा देशभर में स्वतंत्रता का उद्घोष बन गया। कुछ लोग इस चर्चा पर सवाल उठा रहे हैं। जिन्हें समझ नहीं आ रहा कि वंदे मातरम पर चर्चा क्यों हो रही है, उन्हें अपनी समझ पर नए सिरे से विचार करना चाहिए
- सदन में अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम भारत के पुनर्जागरण का मंत्र है. यह गीत मां भारती की वंदना है, भक्ति है और राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्य का स्मरण है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वंदे मातरम को बंगाल चुनाव से जोड़कर देखना गलत है. यह गीत बंगाल ही नहीं, पूरे देश की धड़कन है और दुनियाभर में भारत की पहचान है.
- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह गीत आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना स्वतंत्रता संग्राम के दौरान था और जब 2047 में भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा होगा, तब भी वंदे मातरम की भावना उतनी ही मजबूत रहेगी.
- उन्होंने कहा कि वंदे मातरम को बंगाल चुनाव से जोड़कर देखना गलत है. राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए. यह गीत बंगाल ही नहीं, पूरे देश की धड़कन है और दुनियाभर में भारत की पहचान है.
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