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वंदे मातरम पर बहस के दौरान क्यों अमित शाह से भिड़ गए मल्लिकार्जुन खरगे?

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज राज्यसभा में अमित शाह और खरगे के बीच बहस हो गई. शाह वंदे मातरम पर बोल रहे थे. इसी दौरान कांग्रेस नेता खरगे ने खड़े होकर कुछ सवाल पूछने लगे. इसके बाद कुछ देर तक हंगामा भी हुआ.

वंदे मातरम पर बहस के दौरान क्यों अमित शाह से भिड़ गए मल्लिकार्जुन खरगे?
अमित शाह-मल्लिकार्जुन खरगे
  • गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में वंदे मातरम् पर बहस की शुरुआत की
  • उन्होंने आरोप लगाया कि तुष्टिकरण के कारण ही देश का विभाजन हुआ
  • बहस के दौरान अमित शाह और मल्लिकार्जुन खरगे के बीच झड़प भी हो गई
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नई दिल्ली:

गृह मंत्री अमित शाह आज राज्यसभा में वंदे मातरम् पर जब बोल रहे थे तो उनकी कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बहस हो गई. अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने वंदे मातरम् को दो टुकड़े किए जिसके कारण बाद में विभाजन हुआ. उनके इस बयान के बाद खरगे खड़े होकर कुछ कहने लगे. तब सभापति सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें बैठने के लिए कहा. सभापति ने कहा कि खरगे जी आपको बोलने का मौका मिलेगा. आप बैठ जाइए. 

खरगे से शाह ने कहा, आपको मौका मिलेगा 

खरगे इस दौरान लगातार कुछ बोल रहे थे. तब सत्ता पक्ष की तरफ से भी शोरशराबा शुरू हो गया. अमित शाह ने बीच में बोला कि खरगे साहब आपका समय आएगा. उन्होंने कहा कि आपको बहुत समय मिला है. आप अपने समय पर बोले न. इसके बाद सभापति ने भी कहा कि खरगे जी आपको मौका मिलेगा. कृपया गृह मंत्री को बोलने दें. 

तुष्टिकरण की शुरुआत और विभाजन

अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम को सीमित कर दिया गया. शाह ने कहा कि यहीं से तुष्टिकरण की शुरुआत हुई और उसके बाद विभाजन हुआ. वंदे मातरम की तुष्टिकरण की नीति के तहत दो टुकड़े नहीं करते तो बंटवारा नहीं होता. जब वंदे मातरम का 100 साल हुआ तो सबको लगा कि वंदे मातरम का जश्न मनाएंगे, 100 साल मनाएंगे. लेकिन तब वंदे मातरम् बोलने वाले सारे लोगों को इंदिरा गांधी ने जेल में डाल दिया. इस देश में आपातकाल लगाया गया. 

शाह ने नेहरू पर भी बोला हमला 

शाह ने कहा कि कांग्रेस के सांसद वंदे मातरम् पर बहस को लेकर सवाल उठा रहे हैं. वो इसे एक मुद्दे से ध्यान भटकाने का राजनीतिक रणनीति बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी इस मुद्दे पर बहस से नहीं भाग रहा है. हम संसद का बहिष्कार नहीं करते हैं. अगर वो बहस करना चाहते हैं तो उन्हें संसद का बहिष्कार करना रोकना चाहिए और सभी बहस होंगी. हम कोई चीज छिपा नहीं रहे हैं. हम किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं. उनका वंदे मातरम पर बहस से भागना कोई नई बात नहीं है. भारत तो तब आजाद भी नहीं हुआ था जब वंदे मातरम के 50 साल हुए थे. जब वंदे मातरम को गोल्डन जुबली होना था तब जवाहर लाल नेहरू ने इसे दो छंदों तक सीमित कर दिया था. 

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