नई दिल्ली:
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अरुणाचल प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हुए अमेरिकी वायुसेना के एक बी-24 बम वर्षक विमान और सैनिकों के अवशेष अमेरिका को सौंपे गए। अमेरिकी रक्षामंत्री एश्टन कार्टर भारत से द्वितीय विश्वयुद्ध के अमेरिकी अवशेषों की अमेरिका में वापसी कार्यक्रम की निगरानी कर रहे हैं।
कार्टर ने जताया आभार
कार्टर ने बरामदगी कोशिश को प्रोत्साहित करने में अपना समर्थन देने को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और भारत सरकार के प्रति आभार जताया। एक संयुक्त बयान में दिल्ली में कहा गया, 'भारत सरकार अमेरिकी कर्मियों के अवशेषों की स्वदेश वापसी के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता का समर्थन करने के लिए राजी हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के बाद पिछले साल जारी किए गए संयुक्त बयान में अवशेष वापसी का मुद्दा उठा था।'
चीन के दबाव में यूपीए ने रोक दी थी कोशिश
गौरतलब है कि यूपीए सरकार ने चीन के ऐतराज के बाद अवशेषों की बरामदगी रोक दी थी। चीन, अरुणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र मानता है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अमेरिका को नई अनुमति दी।
गौरतलब है कि अमेरिका उन अमेरिकी एयरक्रू के शवों को बरामद करने की कोशिश कर रहा है जो असम और चीन के कुनमिंग के बीच विमान दुर्घटनाओं में मारे गए थे। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 500 से अधिक विमान चीन-भारत-बर्मा क्षेत्र में लापता हुए थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कार्टर ने जताया आभार
कार्टर ने बरामदगी कोशिश को प्रोत्साहित करने में अपना समर्थन देने को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और भारत सरकार के प्रति आभार जताया। एक संयुक्त बयान में दिल्ली में कहा गया, 'भारत सरकार अमेरिकी कर्मियों के अवशेषों की स्वदेश वापसी के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता का समर्थन करने के लिए राजी हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के बाद पिछले साल जारी किए गए संयुक्त बयान में अवशेष वापसी का मुद्दा उठा था।'
चीन के दबाव में यूपीए ने रोक दी थी कोशिश
गौरतलब है कि यूपीए सरकार ने चीन के ऐतराज के बाद अवशेषों की बरामदगी रोक दी थी। चीन, अरुणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र मानता है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अमेरिका को नई अनुमति दी।
गौरतलब है कि अमेरिका उन अमेरिकी एयरक्रू के शवों को बरामद करने की कोशिश कर रहा है जो असम और चीन के कुनमिंग के बीच विमान दुर्घटनाओं में मारे गए थे। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 500 से अधिक विमान चीन-भारत-बर्मा क्षेत्र में लापता हुए थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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