
- CRPF की महिला टीम अमरनाथ यात्रा में प्राथमिक उपचार, पानी वितरण और अस्पताल पहुंचाने जैसी सेवाएं प्रदान करती है
- मणिगाम बेस कैंप और बालटाल-दोमेल प्रवेश द्वार पर तैनात ये टीम CRPF के उप महानिरीक्षक की निगरानी में काम करती है
- महिला यात्रियों को इन कर्मियों की उपस्थिति से सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना मिलती है
अमरनाथ यात्रा के कठिन हिमालयी मार्ग पर जहां श्रद्धा और संघर्ष की परीक्षा होती है, वहीं बालटाल अक्ष पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की एक खास टीम—‘क्या मैं आपकी मदद कर सकती हूं'—यात्रियों के लिए राहत और भरोसे का दूसरा नाम बन चुकी है.

सीआरपीएफ ने एक बयान में कहा कि, 'नारंगी रंग की विशिष्ट जैकेट पहनने वाली इन महिला सुरक्षाकर्मियों ने विशेष रूप से महिला तीर्थयात्रियों के बीच एक मजबूत विश्वास स्थापित किया है. चाहे वो यात्रा-पूर्व औपचारिकताओं में मदद करना हो, प्राथमिक उपचार देना हो, पीने का पानी वितरित करना हो या बीमार तीर्थयात्रियों को अस्पताल तक पहुंचाना—इनकी हर पहल सेवा भावना से ओत-प्रोत है.'
सहारा और संवेदना का नया चेहरा बनीं महिला कर्मी
मणिगाम बेस कैंप और बालटाल-दोमेल प्रवेश द्वार जैसे प्रमुख स्थानों पर तैनात ये टीम सीआरपीएफ श्रीनगर उत्तर के उप महानिरीक्षक (DIG) और बालटाल मार्ग प्रभारी की सीधी निगरानी में कार्यरत है. अधिकारी के अनुसार, ‘क्या मैं आपकी मदद कर सकती हूं' पहल तीर्थयात्रियों के लिए सबसे विश्वसनीय हेल्प डेस्क बनकर उभरी है, जो न्यूनतम असुविधा में अधिकतम सहायता सुनिश्चित करती है.

सीआरपीएफ प्रवक्ता ने बताया कि, 'ये महिला कर्मी केवल सुरक्षा का प्रतीक नहीं रहीं, बल्कि विश्वास, सहानुभूति और स्नेह का जीवंत उदाहरण बन गई हैं. चाहे भावनात्मक समर्थन देना हो या आकस्मिक चिकित्सकीय सहायता, इनकी तत्परता ने अनेक तीर्थयात्रियों को समय रहते राहत पहुंचाई है. कई मौकों पर बीमार महिला यात्रियों को तत्काल एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाना संभव हो पाया है.'

महिला यात्रियों को मिला आत्मविश्वास
इनकी उपस्थिति ने महिला यात्रियों में सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना को मजबूत किया है. अब महिलाएं यात्रा के दौरान किसी भी परेशानी में सबसे पहले इन नारंगी जैकेट वाली महिला कर्मियों से संपर्क करती हैं, जिन्हें वे पूरी सहजता और विश्वास से मदद के लिए पुकारती हैं.

पर्वतीय बचाव टीमें भी मुस्तैद
इन महिला टीमों के साथ ही, सीआरपीएफ की पर्वतीय बचाव टीमें (Mountain Rescue Teams - MRTs) भी दिन-रात जोखिम भरे हिमालयी इलाके में बचाव, राहत और सुरक्षा कार्यों में जुटी हैं. उनकी सक्रियता ने इस चुनौतीपूर्ण यात्रा को और भी सुरक्षित और संरचित बना दिया है.

शक्ति और करुणा का अद्भुत संगम
ये पहल सीआरपीएफ के जन-प्रथम और सेवा-प्रधान दृष्टिकोण को दर्शाती है—जहां सुरक्षा केवल निगरानी नहीं, बल्कि करुणा और देखभाल का पर्याय बनती है. यहां शक्ति करुणा से मिलती है और सतर्कता सेवा के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती है.
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