लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग, सिंचाई तथा सहकारिता विभागों के करीब 60 अभियंताओं और अधिकारियों को राज्य की पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कार्यकाल में विभिन्न विकास परियोजनाओं में अनियमितता बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मायावती सरकार के कार्यकाल में विभिन्न विकास परियोजनाओं में अनियमितता बरतने के आरोप में लोक निर्माण विभाग, सिंचाई तथा सहकारिता विभागों के मंत्री शिवपाल सिंह यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।
सूत्रों ने बताया कि यादव ने गत 13 अप्रैल को लखनऊ-कानपुर तथा हरदोई मार्गो को चौड़ा करने के काम के निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं पायी थीं, जिनमें संलिप्तता के आरोप में लोक निर्माण विभाग के 15 अभियंताओं को निलम्बित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन मामलों में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता कृष्ण कुमार तथा अधिशासी अभियंता अतर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश भी दिया गया है।
पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में बनवाये गये कांशीराम स्मारक, इको पार्क, भीमराव अम्बेडकर स्मारक पार्क, बौद्ध विहार शांति उपवन के निर्माण में अनियमितता के आरोप में राजकीय निर्माण निगम के तीन परियोजना प्रबंधकों, चार महाप्रबंधकों तथा मुख्य अभियंता समेत 18 अधिकारियों को निलम्बित किया गया है। सूत्रों ने बताया कि लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ राहत तथा सफाई कार्यो में धांधली करने के आरोप में सिंचाई विभाग के 10 अभियंताओं को भी निलम्बित किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि बाणसागर परियोजना के निरीक्षण के दौरान शिवपाल सिंह यादव द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली पाये जाने पर बाणसागर सेक्शन के मुख्य इंजीनियर समेत छह अभियंताओं को निलम्बित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इन अधिकारियों में से सेवानिवृत्त हो चुके पांच अभियंताओं की पेंशन रोकने के आदेश भी दिये गये हैं।
लखीमपुर खीरी जिले में जियो बैग की खरीद में धांधली करने के आरोप में आठ अभियंताओं को निलम्बित करके बैग आपूर्तिकर्ता कम्पनियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। लखनऊ के गोमती बैराज के पास पार्को के निर्माण में धांधली के आरोप में सम्बन्धित दो परियोजना प्रबंधकों तथा एक कनिष्ठ अभियंता को निलम्बित किया गया है। इसके पूर्व, राज्य सरकार शासकीय गेहूं खरीद में धांधली के आरोप में 33 अधिकारियों तथा कर्मचारियों को निलम्बित कर चुकी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मायावती सरकार के कार्यकाल में विभिन्न विकास परियोजनाओं में अनियमितता बरतने के आरोप में लोक निर्माण विभाग, सिंचाई तथा सहकारिता विभागों के मंत्री शिवपाल सिंह यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।
सूत्रों ने बताया कि यादव ने गत 13 अप्रैल को लखनऊ-कानपुर तथा हरदोई मार्गो को चौड़ा करने के काम के निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं पायी थीं, जिनमें संलिप्तता के आरोप में लोक निर्माण विभाग के 15 अभियंताओं को निलम्बित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन मामलों में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता कृष्ण कुमार तथा अधिशासी अभियंता अतर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश भी दिया गया है।
पूर्ववर्ती मायावती सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में बनवाये गये कांशीराम स्मारक, इको पार्क, भीमराव अम्बेडकर स्मारक पार्क, बौद्ध विहार शांति उपवन के निर्माण में अनियमितता के आरोप में राजकीय निर्माण निगम के तीन परियोजना प्रबंधकों, चार महाप्रबंधकों तथा मुख्य अभियंता समेत 18 अधिकारियों को निलम्बित किया गया है। सूत्रों ने बताया कि लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ राहत तथा सफाई कार्यो में धांधली करने के आरोप में सिंचाई विभाग के 10 अभियंताओं को भी निलम्बित किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि बाणसागर परियोजना के निरीक्षण के दौरान शिवपाल सिंह यादव द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली पाये जाने पर बाणसागर सेक्शन के मुख्य इंजीनियर समेत छह अभियंताओं को निलम्बित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इन अधिकारियों में से सेवानिवृत्त हो चुके पांच अभियंताओं की पेंशन रोकने के आदेश भी दिये गये हैं।
लखीमपुर खीरी जिले में जियो बैग की खरीद में धांधली करने के आरोप में आठ अभियंताओं को निलम्बित करके बैग आपूर्तिकर्ता कम्पनियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। लखनऊ के गोमती बैराज के पास पार्को के निर्माण में धांधली के आरोप में सम्बन्धित दो परियोजना प्रबंधकों तथा एक कनिष्ठ अभियंता को निलम्बित किया गया है। इसके पूर्व, राज्य सरकार शासकीय गेहूं खरीद में धांधली के आरोप में 33 अधिकारियों तथा कर्मचारियों को निलम्बित कर चुकी है।
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