- रुचिर शर्मा ने NDTV से बातचीत में कहा कि AI के प्रभाव ने US राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ रणनीति को कमजोर किया.
- ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाया, जिसे भारत ने अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया है.
- अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियां अगले साल AI के बुनियादी ढांचे पर लगभग 500 अरब डॉलर का निवेश कर रही हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव को कवर करने ग्राउंड जीरो पर पहुंचे NDTV के CEO और एडिटर इन चीफ राहुल कंवल ने 'Walk The Talk' प्रोग्राम में ग्लोबल इंवेस्टर और लेखक रुचिर शर्मा से लंबी बातचीत की है. इस बातचीत में रुचिर शर्मा ने बिहार में हुए विकास के साथ-साथ वर्ल्ड इकोनॉमी और AI के दौर में तेजी से बदलते तकनीक के बारे में भी बात की. रुचि शर्मा ने ट्रंप टैरिफ के साथ-साथ दुनिया में चल रहे अलग-अलग युद्धों के असर पर भी अपनी राय दी. उन्होंने कहा, "जहां एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्धों ने वैश्विक बाजारों को हिलाकर रख दिया है, वहीं दूसरी ओर "ट्रंप से भी बड़ी ताकत" आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अमेरिकी और विश्व अर्थव्यवस्थाओं को आकार दे रही है.
AI के प्रभाव ने ट्रंप को मात दे दी: रुचिर शर्मा
NDTV से बात करते हुए रुचिर शर्मा ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर AI के प्रभाव ने "ट्रंप को मात दे दी है." शर्मा की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई, जब ट्रंप ने एक बार फिर अपनी टैरिफ रणनीति का बचाव किया है. ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाया, जिसमें अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद से जुड़ा है. भारत ने इस कदम को "अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताया है.
रुचित शर्मा ने NDTV से कहा, ट्रंप से भी बड़ी ताकत मौजूद है. हालांकि मुझे नहीं लगता कि ट्रंप पीछे हटे हैं. यह एक बड़ा भ्रम है कि ट्रंप के कई कदमों की वजह से कुछ हद तक पीछे हटने की स्थिति बनी है, लेकिन कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है. टैरिफ दरें फिर भी बढ़ी हैं. अमेरिका में प्रभावी टैरिफ दर अब भी लगभग 15 प्रतिशत के आसपास है. उन्होंने इसे 2.5 प्रतिशत कम किया था. यह एक बड़ा बदलाव है."
उन्होंने आगे कहा कि पारंपरिक उपायों के अनुसार, टैरिफ में इतनी भारी वृद्धि से अमेरिका को मंदी में जाना चाहिए था. शर्मा ने आगे कहा, "ज़्यादातर लोग आपको बताते कि टैरिफ दर में इतनी वृद्धि से अमेरिका में मंदी आ जाएगी. और ऐसा हुआ भी. अर्थव्यवस्था का टैरिफ वाला हिस्सा बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, लेकिन ट्रंप से भी बड़ी ताकत मौजूद है."
AI के क्षेत्र में अमेरिकी टेक कंपनियां कर रही 500 अरब डॉलर का निवेश
शर्मा ने कहा कि वह ताकत एआई है. एआई के क्षेत्र में निवेश अभूतपूर्व है. इस निवेश ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को AI पर एक बड़ा दांव बना दिया है. शर्मा ने कहा, "आज, अमेरिकी अर्थव्यवस्था AI पर एक बड़ा दांव बन गई है. आज अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियां अगले साल सिर्फ़ AI के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर लगभग 500 अरब डॉलर खर्च कर रही हैं. यह एक बहुत बड़ा लहर है जो वहां चल रहा है."
शर्मा ने AI के मौजूदा उछाल को परिवर्तनकारी और जोखिम भरा, दोनों बताया. उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि मैं इस बात में पूरी तरह विश्वास करता हूं कि AI का परिवर्तनकारी प्रभाव होगा. लेकिन जैसा कि इतिहास में हर तकनीक के साथ होता है, रेलमार्ग से लेकर इंटरनेट तक, अच्छे विचार बहुत ज़्यादा हो जाते हैं - अच्छे विचार के पीछे बहुत ज़्यादा पैसा लग जाता है. और अंततः, ज़रूरत से ज़्यादा निवेश हो जाता है. और इससे समय के साथ रिटर्न में गिरावट आती है."
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