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This Article is From Jan 24, 2024

कश्मीर में कम बर्फबारी से कृषि, पर्यटन तंत्र प्रभावित होने की आशंका

श्रीनगर से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित औद्योगिक क्षेत्र खानमोह में अनेक पर्यावरण संबंधी पहल संचालित करने वाले भट ने कहा कि ‘चिल्लई कलां’ के दौरान असामान्य स्थिति रहने से पर्यटन, फसलों की उत्पादकता और जल की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.‘चिल्लई कलां’ 21 दिसंबर से शुरू होने वाली 40 दिन की अवधि है जब साल में सबसे अधिक ठंड रहती है.

कश्मीर में कम बर्फबारी से कृषि, पर्यटन तंत्र प्रभावित होने की आशंका

नई दिल्ली: श्रीनगर के निकट सेब के बगीचे में निराश बैठे आसमान की ओर निहारते नदीम भट की भाव-भंगिमा उनके किसी गंभीर चिंता से ग्रस्त होने की ओर इशारा करती है- वजह है सर्दियों में यहां आम तौर पर रहने वाली बर्फ की मोटी परत, इस बार नहीं है. विशेषज्ञ इस मौसम में बर्फ नहीं पड़ने को कश्मीर की कृषि, पर्यटन और इसके पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करने वाला बता रहे हैं.

श्रीनगर से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित औद्योगिक क्षेत्र खानमोह में अनेक पर्यावरण संबंधी पहल संचालित करने वाले भट ने कहा कि ‘चिल्लई कलां' के दौरान असामान्य स्थिति रहने से पर्यटन, फसलों की उत्पादकता और जल की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.v‘चिल्लई कलां' 21 दिसंबर से शुरू होने वाली 40 दिन की अवधि है जब साल में सबसे अधिक ठंड रहती है.

भट (38) ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘उदाहरण के लिए सेब बागान को अच्छी फसल के लिए इस मौसम में लगातार बर्फ के आवरण की जरूरत होती है लेकिन चिल्लई कलां की अवधि लगभग समाप्त हो गई है और बर्फबारी के कोई संकेत नहीं हैं. अगर अब बर्फ गिरती भी है तो फरवरी में रहने वाले अपेक्षाकृत गर्म और लंबे दिनों की वजह से यह बर्फ की कमी की भरपाई नहीं कर पाएगी.''

उत्तर पश्चिम भारत की पहाड़ियों पर सर्दी पड़ रही है, कश्मीर में गुलमर्ग और हिमाचल प्रदेश में शिमला जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में बर्फ के नहीं गिरने से जनता और विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित हुआ है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जनवरी के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में कम बर्फबारी के परिणाम क्षेत्र के प्राकृतिक नजारों और पर्यटन से परे तक प्रभाव डालने वाले होंगे.

कश्मीर में सिंथन टॉप और उत्तराखंड में औली जैसे कुछ क्षेत्रों में पिछले सप्ताह थोड़ी बर्फबारी हुई, लेकिन यह राहत अल्पकालिक थी. गुलमर्ग में स्कीइंग और लद्दाख में आइस हॉकी जैसे शीतकालीन खेल भी इस साल बर्फ की कमी के कारण बाधित हुए हैं. थोड़ी बहुत उम्मीद स्थानीय मौसम विभागों के इस पूर्वानुमान से है कि कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में 25 जनवरी से हिमपात की संभावना है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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