शीला दीक्षित की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार की गिरफ्तारी के मसले पर कहा कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे 'कोई राजनीतिक मंशा नहीं दिखती।' उन्होंने साथ ही जोड़ा, 'सीबीआई के पास जरूर सूचना रही होगी तभी राजेंद्र कुमार के घर और दफ्तर पर छापे मारे गए थे।'
गौरतलब है कि सीबीआई ने सोमवार को राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई के मुताबिक 2007-14 के दौरान हुए भ्रष्टाचार के कई मामलों में उनकी भूमिका के चलते गिरफ्तार किया गया है। उस दौरान दिल्ली में शीला दीक्षित ही मुख्यमंत्री थीं। ऐसे में शीला दीक्षित का यह बयान उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। विरोधी इनके खिलाफ इस मुद्दे को उछाल सकते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इस तरह का बयान देकर शीला दीक्षित की राह मुश्किल होगी?
लेकिन दीक्षित के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की सुगबुगाहट के बीच अहम पदों से राजेंद्र कुमार को स्थानांतरित कर दिया गया था। गौरतलब है कि राजेंद्र कुमार पर यह आरोप है कि उन्होंने कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और अन्य चीजों के सरकारी ठेके एक ही कंपनी को दिए जोकि कथित रूप से उन्हीं की ही थी।
इस बीच दिल्ली सरकार ने राजेंद्र कुमार की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार का यह कदम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में ताजा कड़ी है।
उल्लेखनीय है कि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी की राह देख रही शीला दीक्षित को अरविंद केजरीवाल की नवगठित आम आदमी पार्टी के खिलाफ करारी शिकस्त मिली थी। अपने पहले ही अभियान में आप सत्ता तक पहुंची थी। सत्ता में आने के 49 दिन बाद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया था। उसके बार फरवरी, 2015 में जबर्दस्त बहुमत से उन्होंने दिल्ली की सत्ता में वापसी की।
गौरतलब है कि सीबीआई ने सोमवार को राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई के मुताबिक 2007-14 के दौरान हुए भ्रष्टाचार के कई मामलों में उनकी भूमिका के चलते गिरफ्तार किया गया है। उस दौरान दिल्ली में शीला दीक्षित ही मुख्यमंत्री थीं। ऐसे में शीला दीक्षित का यह बयान उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। विरोधी इनके खिलाफ इस मुद्दे को उछाल सकते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इस तरह का बयान देकर शीला दीक्षित की राह मुश्किल होगी?
लेकिन दीक्षित के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की सुगबुगाहट के बीच अहम पदों से राजेंद्र कुमार को स्थानांतरित कर दिया गया था। गौरतलब है कि राजेंद्र कुमार पर यह आरोप है कि उन्होंने कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और अन्य चीजों के सरकारी ठेके एक ही कंपनी को दिए जोकि कथित रूप से उन्हीं की ही थी।
इस बीच दिल्ली सरकार ने राजेंद्र कुमार की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार का यह कदम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में ताजा कड़ी है।
उल्लेखनीय है कि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी की राह देख रही शीला दीक्षित को अरविंद केजरीवाल की नवगठित आम आदमी पार्टी के खिलाफ करारी शिकस्त मिली थी। अपने पहले ही अभियान में आप सत्ता तक पहुंची थी। सत्ता में आने के 49 दिन बाद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया था। उसके बार फरवरी, 2015 में जबर्दस्त बहुमत से उन्होंने दिल्ली की सत्ता में वापसी की।
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