टॉय ट्रेन (फाइल फोटो)
जलपाईगुड़ी:
टॉय ट्रेन के रूप में लोकप्रिय दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) का पूर्ण परिचालन शुक्रवार से फिर बहाल हो गया. गोरखालैंड आंदोलन के कारण 188 दिनों से निलंबित यह ट्रेन आज न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से रवाना की गई. डीएचआर के यातायात प्रभारी एस के घोष ने कहा कि टॉय ट्रेन ने आज अपना 90 किलोमीटर का पूरा रास्ता तय किया.
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हालांकि, इसमें ज्यादा मुसाफिर नहीं थे. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में ट्रेन की सेवा बढ़ेगी और वह गोरखालैंड अशांति के कारण हुये नुकसान को पूरा कर लेगी. उन्होंने कहा, ‘आज केवल कुछ लोगों ने ही ट्रेनों में सवारी की. मुझे उम्मीद है कि कुछ दिनों में यह समस्या समाप्त हो जाएगी और पिछले कुछ माह के दौरान हुये नुकसान की भरपाई करने में सक्षम हो जाएगी.’
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न्यू जलपाईगुड़ी के स्टेशन प्रबंधक तपन साहा ने कहा, पहाड़ी रास्ते में सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच कुछ हिस्से में 15 अक्तूबर को परिचालन शुरू कर दिया गया था, लेकिन यह ट्रेन पूरे रास्ते में नहीं चल रही थी, क्योंकि भूस्खलन और भारी बर्फबारी होने से इसका रास्ता बंद हो गया था. यूनेस्को की ओर से 1999 में टॉय ट्रेन सेवा को विश्व विरासत घोषित किये जाने के बाद यह हमेशा यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रही है.
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हालांकि, इसमें ज्यादा मुसाफिर नहीं थे. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में ट्रेन की सेवा बढ़ेगी और वह गोरखालैंड अशांति के कारण हुये नुकसान को पूरा कर लेगी. उन्होंने कहा, ‘आज केवल कुछ लोगों ने ही ट्रेनों में सवारी की. मुझे उम्मीद है कि कुछ दिनों में यह समस्या समाप्त हो जाएगी और पिछले कुछ माह के दौरान हुये नुकसान की भरपाई करने में सक्षम हो जाएगी.’
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न्यू जलपाईगुड़ी के स्टेशन प्रबंधक तपन साहा ने कहा, पहाड़ी रास्ते में सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच कुछ हिस्से में 15 अक्तूबर को परिचालन शुरू कर दिया गया था, लेकिन यह ट्रेन पूरे रास्ते में नहीं चल रही थी, क्योंकि भूस्खलन और भारी बर्फबारी होने से इसका रास्ता बंद हो गया था. यूनेस्को की ओर से 1999 में टॉय ट्रेन सेवा को विश्व विरासत घोषित किये जाने के बाद यह हमेशा यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रही है.
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