नई दिल्ली:
एशिया का सबसे बड़ा विमानों का मेला यानि एयरो इंडिया मंगलवार से बेंगलुरू में शुरू होने जा रहा है. हर दूसरे साल में होने वाले इस शो का एक बार फिर से मुख्य आकर्षण लड़ाकू विमान ही होंगे. यही वजह है कि इस बार लड़ाकू विमान बनाने वाली दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां यहां आने जा रही है, क्योंकि सरकार ने कह दिया है कि अकेले 36 राफेल से भारतीय वायुसेना की जरूरत नहीं पूरी होगी. लिहाजा और लड़ाकू विमानों की आवश्यकता होगी, इसलिए एक बार फिर अपने-अपने लड़ाकू विमान लेकर कंपनियां बंगलुरु में अपना दमखम दिखाएगी.
देश-विदेश के 72 टाइप के विमान यहां आएंगे, जिनमें कुछ हल्के लड़ाकू विमान होंगे तो कुछ मीडियम तो कुछ हेलीकॉप्टर होंगे. कुछ ड्रोन टाइप के विमान होंगे.
इस बार कुल 549 देशी-विदेशी कंपनियां एयरो इंडिया में हिस्सा ले रही हैं. इनमें 270 भारतीय और 279 विदेशी कंपनियां होंगी. कई विदेशी कंपनियां मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी कंपनियों के साथ मिलकर नए-नए हथियार बनाने की कोशिश करेंगे, ताकि किसी भी तरह उन्हें हथियार बनाने के ऑर्डर मिलें. अगर लड़ाकू विमानों का ऑर्डर मिला तो एफ-18 जैसे लड़ाकू विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग तो भारत में ही विमान बनाने को तैयार है. ऐसा ही ऑफर दूसरे लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनियां भी दे रही हैं.
विदेश की कई कंपनियां सेना के तीनों अंगों को लड़ाकू हेलीकॉप्टर बेचने के फिराक में हैं. वैसे आम लोगों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र आसमान में करतब करने वाली ऐरोबेटिक टीमें होगी. भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर ऐरोबेटिक टीम सारंग और लड़ाकू विमानों की ऐरोबेटिक टीम सूर्यकिरण के अलावा स्वीडन और बिट्रेन की टीम आसमान में हवाई करतब करेगी, जिसे देखकर लोग को दातों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जांएगे.
देश-विदेश के 72 टाइप के विमान यहां आएंगे, जिनमें कुछ हल्के लड़ाकू विमान होंगे तो कुछ मीडियम तो कुछ हेलीकॉप्टर होंगे. कुछ ड्रोन टाइप के विमान होंगे.
इस बार कुल 549 देशी-विदेशी कंपनियां एयरो इंडिया में हिस्सा ले रही हैं. इनमें 270 भारतीय और 279 विदेशी कंपनियां होंगी. कई विदेशी कंपनियां मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी कंपनियों के साथ मिलकर नए-नए हथियार बनाने की कोशिश करेंगे, ताकि किसी भी तरह उन्हें हथियार बनाने के ऑर्डर मिलें. अगर लड़ाकू विमानों का ऑर्डर मिला तो एफ-18 जैसे लड़ाकू विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग तो भारत में ही विमान बनाने को तैयार है. ऐसा ही ऑफर दूसरे लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनियां भी दे रही हैं.
विदेश की कई कंपनियां सेना के तीनों अंगों को लड़ाकू हेलीकॉप्टर बेचने के फिराक में हैं. वैसे आम लोगों के लिए आकर्षण का मुख्य केन्द्र आसमान में करतब करने वाली ऐरोबेटिक टीमें होगी. भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर ऐरोबेटिक टीम सारंग और लड़ाकू विमानों की ऐरोबेटिक टीम सूर्यकिरण के अलावा स्वीडन और बिट्रेन की टीम आसमान में हवाई करतब करेगी, जिसे देखकर लोग को दातों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जांएगे.
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