सभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों और राष्ट्रीय महत्व के अन्य संस्थानों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला नीट के जरिए होता रहेगा. हाल ही में हुई एम्स के संचालक मंडल की बैठक में ऐसे संस्थानों में दाखिले के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा कराने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में 6 दिसंबर को हुई एम्स के संचालक मंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया.
बैठक में एम्स और राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न संस्थानों में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट से अलग प्रवेश परीक्षा के प्रस्ताव को विमर्श के बाद खारिज कर दिया गया. बैठक में हुई चर्चा के ब्योरे के अनुसार, ‘‘विमर्श के बाद, यह महसूस किया गया कि सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा की वर्तमान परंपरा जारी रहेगी.''
संसद के अधिनियम के आधार पर 1956 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) के रूप में की गई थी. इसके बाद, अन्य संस्थानों... पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़; जेआईपीएमईआर, पुडुचेरी (2008) और स्नातक और स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम की शिक्षा के लिए 21 नये एम्स की स्थापना हुई.
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