देश में नोटबंदी का असर
नई दिल्ली:
नोटबंदी के बाद लोगों को हो रही परेशानी के मद्देनज़र आज रविवार को भी बैंक खुले हैं. सुबह से ही बैंक और एटीएम के बाहर लोगों की कतार लगी है. कई जगहों पर तो लोग रात से ही डेरा डाले बैठे हैं. कई एटीएम से पैसा निकल रहा है, तो कई जगह एटीएम आज भी या तो आउट ऑफ़ सर्विस हैं या फिर उनमें पैसा नहीं है.
आज रविवार और कल बैंकों की छुट्टी होने की वजह से बैंकों और एटीएम में ज़्यादा भीड़ जुट सकती है. इससे पहले कल शनिवार को भी पैसा निकालने के लिए लोगों की जंग जारी रही. काफ़ी मशक्कत के बाद किसी को नए नोट नसीब हुए तो किसी को ख़ाली हाथ लौटना पड़ा.
नोटबंदी के बाद नए नोट न मिल पाने से परेशान लोगों ने अब देर रात से ही बैंकों के बाहर डेरा डाल दिया है. दिल्ली के शाहदरा में लोग इलाहबाद बैंक के बाहर बिस्तर लगाकर लेट गए.
लोगों का आरोप है कि पहले तो बैंक समय से 2 घंटे लेट खुलते है इसके बाद पुलिस वाले पहले अपने और अपने जानकारों को अंदर कर नोट बदलते है इसके बाद लाइन में खड़े लोगों का नंबर आता है. और जब नंबर आता है तो नोट खत्म हो जाते है. जिससे परेशान लोगों ने बैंक के बाहर ही बिस्तर लगाकर सोने का फैसला किया.
एटीएम से पैसा निकालने के लिए लंबी-लंबी कतार में खड़े लोगों के सब्र का बांध कल टूटता नज़र आया. कहीं बहस हुई, कहीं हंगामा तो कहीं एटीएम में तोड़फोड़ हुई. पुरानी दिल्ली में RAF के जवानों की तैनाती करनी पड़ी. कमलानगर के पास एक बैंक में तो लोग जबरन घुस गए और तोड़फोड़ की. मुरादाबाद, नूह जैसी जगहों पर लोग आपा खोते दिखे. पुलिस को लाठी चलाना पड़ा.
नोट बदलवाने के लिए बैंकों और ATM के बाहर लगी कतार दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी सिर दर्द बन गई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक़ शाम 6 बजे तक पुलिस कंट्रोल रूम रोजाना औसतन चार हजार से ज्यादा शिकायती कॉल रिसीव कर रहा है. इनमें ज़्यादार कॉल लाइन में न खड़े होने, बिना लाइन बैंक में घुसने की कोशिश करने से संबंधित हैं. पुलिस अधिकारी के मुताबिक़ क़रीब-क़रीब सभी मामलों का निपटारा मौके पर ही कर दिया गया है.
आज रविवार और कल बैंकों की छुट्टी होने की वजह से बैंकों और एटीएम में ज़्यादा भीड़ जुट सकती है. इससे पहले कल शनिवार को भी पैसा निकालने के लिए लोगों की जंग जारी रही. काफ़ी मशक्कत के बाद किसी को नए नोट नसीब हुए तो किसी को ख़ाली हाथ लौटना पड़ा.
नोटबंदी के बाद नए नोट न मिल पाने से परेशान लोगों ने अब देर रात से ही बैंकों के बाहर डेरा डाल दिया है. दिल्ली के शाहदरा में लोग इलाहबाद बैंक के बाहर बिस्तर लगाकर लेट गए.
लोगों का आरोप है कि पहले तो बैंक समय से 2 घंटे लेट खुलते है इसके बाद पुलिस वाले पहले अपने और अपने जानकारों को अंदर कर नोट बदलते है इसके बाद लाइन में खड़े लोगों का नंबर आता है. और जब नंबर आता है तो नोट खत्म हो जाते है. जिससे परेशान लोगों ने बैंक के बाहर ही बिस्तर लगाकर सोने का फैसला किया.
एटीएम से पैसा निकालने के लिए लंबी-लंबी कतार में खड़े लोगों के सब्र का बांध कल टूटता नज़र आया. कहीं बहस हुई, कहीं हंगामा तो कहीं एटीएम में तोड़फोड़ हुई. पुरानी दिल्ली में RAF के जवानों की तैनाती करनी पड़ी. कमलानगर के पास एक बैंक में तो लोग जबरन घुस गए और तोड़फोड़ की. मुरादाबाद, नूह जैसी जगहों पर लोग आपा खोते दिखे. पुलिस को लाठी चलाना पड़ा.
नोट बदलवाने के लिए बैंकों और ATM के बाहर लगी कतार दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी सिर दर्द बन गई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक़ शाम 6 बजे तक पुलिस कंट्रोल रूम रोजाना औसतन चार हजार से ज्यादा शिकायती कॉल रिसीव कर रहा है. इनमें ज़्यादार कॉल लाइन में न खड़े होने, बिना लाइन बैंक में घुसने की कोशिश करने से संबंधित हैं. पुलिस अधिकारी के मुताबिक़ क़रीब-क़रीब सभी मामलों का निपटारा मौके पर ही कर दिया गया है.