चेन्नई पानी की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में पानी से भरी 50 वैगन ट्रेन जोलरपेट रेलवे स्टेशन से चेन्नई के लिए निकल गई हैं. इनमें कुल 2.5 मिलियन लीटर पानी है. दूसरी ट्रेन भी चेन्नई में पानी लेकर जाएगी. चेन्नई मेट्रो वॉटर ने हर दिन 10 मिलियन लीटर का लक्ष्य तय किया है. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, 'इन ट्रेनों की आवाजाही के लिए उपलब्ध स्लॉट के आधार पर क्षमता बढ़ सकती है.' स्थानीय प्रशासनिक मंत्री एसपी वेलूमनि ने कहा, 'पहली वाटर ट्रेन मिलने पर विलीवक्कम रेलवे स्टेशन पर कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी.' दक्षिणी रेलवे, चेन्नई मेट्रो वाटर से हर ट्रिप पर 7.5 लाख रुपए वसूल करेगा. तमिलनाडु सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 65 करोड़ रुपए का आवंटन किया है.
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अधिकारियों ने बताया, ट्रेन को चेन्नई के विलीवक्कम पहुंचने में पांच घंटे लगेंगे. हालांकि पानी की इस सप्लाई से चेन्नई की सप्लाई नहीं बढ़ेगी. यह केवल राज्य सरकार का दवाब कम करने के लिए किया गया है जिससे यहां के लोगों को कम से कम 525 मिलियन लीटर पानी मिल सके जबकि उनकी जरूरत 830 मिलियन लीटर प्रति दिन है.
चेन्नई मेट्रो वाटर ने स्थानीय स्तर पर पानी सप्लाई करने के लिए 900 टैंकरों की तैनाती की है. कई परिवारों ने बताया कि उन्हें टैंकर से हर दिन पानी लेने के लिए 5 डिब्बे दिए गए हैं. प्राइवेट वाटर टैंकर्स ने अप्रैल से अपनी कीमते दोगुनी कर दी हैं. मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले में तमिलनाडु सरकार की आलोचना की थी.
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चेन्नई भारत के उन 21 शहरों में एक है जिसके बारे में नीति आयोग ने कहा कि यहां 2021 तक पानी खत्म हो जाएगा.
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